सितारों की आरजू में शरारे मिले|
गौरों से मिलकर देखा हमारे मिले ||
कैसे यकीन कर ले इस दुनिया पर हम|
दुश्मन ही दोस्तों से प्यारे मिले||
छत के नीचे देखो तो सब लगते है अपने|
देखा तो हर आँगन में दीवारें मिले||
मरती नही कभी अपनी मौत ये जिंदगी|
कब्र में देखा तो सब आदमी के मारे मिले||
#नसरीन अली ‘निधि’
परिचय : नसरीन अली लेखन में साहित्यिक उपनाम-निधि लिखती हैं। जन्मतिथि १० नवम्बर १९६९ और जन्म स्थान-कलकत्ता है। आपका वर्तमान निवास श्रीनगर (जम्मू और कश्मीर)स्थित हब्बा कदल है। निधि की शिक्षा बी.ए. ,डिप्लोमा रचनात्मक कला(पाक कला एवं कला कौशल) है। इनकी सम्प्रति देखें तो हिंदी कम्प्यूटर ऑपपरेटर एवं ध्वनि अभियंता (रेडियो कश्मीर-श्रीनगर) हैं। सामाजिक तौर पर सक्रियता से वादी’ज़ हिंदी शिक्षा समिति(श्रीनगर) बतौर अध्यक्ष संचालित करती हैं। साथ ही नसरीन क्लॉसेस(यूनिट,शासकीय पंजीकृत) भी चलाती हैं। लेखन आपका शौक है, इसलिए एक साहित्यिक पत्रिका की सहायक सम्पादक भी हैं। विशेष बात यह है कि,कश्मीर के अतिरिक्त भारत के विभिन्न अहिंदीतर प्रांतों में मातृभाषा हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए कार्यरत हैं। नसरीन अली को आकाशावाणी एवं दूरदर्शन श्रीनगर से सफल हिंदी कवियित्री,उदघोषक तथा कार्यक्रम संचालक का सम्मान प्राप्त है। साथ ही अन्य संस्थानों ने भी आपको पाक कला एवं कला कौशल के लिए सम्मानित किया है। लेखन में संत कवयित्री ललद्यत साहित्य सम्मान,अपराजिता सम्मान,हिंदी सेवी सम्मान और हिन्दी प्रतिभा सम्मान भी हासिल हुआ है। आपकी नजर में लेखन का उद्धेश्य-हिन्दी साहित्य के प्रति लगाव,उसके प्रचार-प्रसार,उन्नति,विकास के प्रति हार्दिक रुचि है।