फिसलते नीयत का बोलवाला
जिधर देखो नजर आए घोटाला।
सादा जीवन नेक संदेश
सब चढ गए विलासिता को भेंट।
स्वार्थी बोल स्वार्थी भाषण
जिधर देखो मिल जाते
पार्टी कोई हो सब मिल-बाँटकर खाते।
जबसे आया डिजिटल इंडिया
सब हैक हो जाता
जब तक पता चलता
शाॅपिंग हो जाता ।
अब तो लोग भी हैक होने लगे
मोबाइल पर बात और मजे करने लगे।
यह कैसी धुन
सबका अपना ही सुर ।
वेरंग सा माहौल बना
सब चिड़चिड़ा बना।
तभी तो उल्टे बोल
अपनी ही ढोलक अपनी ही बोल।
“आशुतोष”
नाम। – आशुतोष कुमार
साहित्यक उपनाम – आशुतोष
जन्मतिथि – 30/101973
वर्तमान पता – 113/77बी
शास्त्रीनगर
पटना 23 बिहार
कार्यक्षेत्र – जाॅब
शिक्षा – ऑनर्स अर्थशास्त्र
मोबाइलव्हाट्स एप – 9852842667
प्रकाशन – नगण्य
सम्मान। – नगण्य
अन्य उलब्धि – कभ्प्यूटर आपरेटर
टीवी टेक्नीशियन
लेखन का उद्द्श्य – सामाजिक जागृति