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करता हूं अनुरोध आज मैं,भारत की सरकार से,
प्रतिभाओं को मत काटो,आरक्षण की तलवार सेl
वर्ना रेल पटरियों पर जो,फैला आज तमाशा है,
जाट आन्दोलन से फैली,चारों ओर निराशा हैl
अगला कदम पंजाबी बैठेंगे,महाविकट हड़ताल पर,
महाराष्ट्र में प्रबल मराठा,चढ़ जाएंगे भाल परl
राजपूत भी मचल उठेंगे,भुजबल के हथियार से,
प्रतिभाओं को मत काटो,आरक्षण की तलवार सेl
निर्धन ब्राम्हण वंश एक दिन,परशुराम बन जाएगा,
अपने ही घर के दीपक से,अपना घर जल जाएगाl
भड़क उठा गृह युध्द अगर,भूकम्प भयानक आएगा,
आरक्षणवादी नेताओं का,सर्वस्व मिटाके जाएगाl
अभी संभल जाओ मित्रों,इस स्वार्थ भरे व्यापार से,
प्रतिभाओं को मत काटो,आरक्षण की तलवार सेl
जातिवाद की नहीं,समस्या मात्र गरीबीवाद है,
जो सवर्ण है पर गरीब है,उनका क्या अपराध हैl
कुचले दबे लोग जिनके,घर में न चूल्हा जलता है,
भूखा बच्चा जिस कुटिया में,लोरी खाकर पलता हैl
समय आ गया है उनका, उत्थान कीजिए प्यार से,
प्रतिभाओं को मत काटो,आरक्षण की तलवार सेl
जाति गरीबी की कोई भी,नहीं मित्रवर होती है,
वह अधिकारी है जिसके घर,भूखी मुनिया सोती हैl
भूखे माता-पिता,दवाई बिना तड़पते रहते हैं,
जातिवाद के कारण,कितने लोग वेदना सहते हैंl
उन्हें न वंचित करो मित्र,संरक्षण के अधिकार से,
प्रतिभाओं को मत काटो,आरक्षण की तलवार सेll
#रुपेश कुमार
परिचय : चैनपुर ज़िला सीवान (बिहार) निवासी रुपेश कुमार भौतिकी में स्नाकोतर हैं। आप डिप्लोमा सहित एडीसीए में प्रतियोगी छात्र एव युवा लेखक के तौर पर सक्रिय हैं। १९९१ में जन्मे रुपेश कुमार पढ़ाई के साथ सहित्य और विज्ञान सम्बन्धी पत्र-पत्रिकाओं में लेखन करते हैं। कुछ संस्थाओं द्वारा आपको सम्मानित भी किया गया है।
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