तिनसुकिया साहित्य संगम संस्थान के पदाधिकारियों की वार्षिकोत्सव को लेकर बैठक संपन्न हुई

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*साहित्य के क्षेत्र में अनूठा होगा तिनसुकिया का यह साहित्यिक आयोजन- संजय त्रिवेदी* 

१० मई/तिनसुकिया संवाद/ 
साहित्य संगम संस्थान तिनसुकिया शाखा के पदाधिकारियों की वार्षिकोत्सव की तैयारियों को लेकर आज तिनसुकिया में एक मीटिंग हुई । मीटिंग की अध्यक्षता साहित्य संगम संस्थान तिनसुकिया शाखा के अध्यक्ष प्रतिष्ठित व्यवसायी संजय त्रिवेदी जी ने की । तिनसुकिया साहित्य संगम संस्थान की सचिव सुचि संदीप सहित कार्यक्रम संयोजिका इंदु शर्मा शचि ने पूरे आयोजन को भव्य बनाने के लिए महत्वपूर्ण बिंदुओं पर परिचर्चा की । उमी जालान, माया चौबे, जूली अग्रवाल सहित कई पदाधिकारियों ने अतिथियों के आवास-भोजन, मंच और हॉल की व्यवस्था आदि पर विस्तृत विचार विमर्श किया । इस गोष्ठी ने वार्षिकोत्सव के आयोजन में हर्षोल्लास का वातावरण उत्पन्न कर दिया है । जिससे न केवल तिनसुकिया समिति के पदाधिकारी अपितु पूरे देश के साहित्य संगम संस्थान के साहित्यकार उत्साहित हैं । इस आयोजन में महत् आर्थिक व्यय होने की संभवना है, जिसको लेकर संस्थान की राष्ट्रीय समिति चिंतित है पर विश्वास यह है कि जो भी अच्छा कार्य किया जाता है वह पूर्ण अवश्य होता है । ईश्वर सदा सहायता करते हैं । साहित्य संगम संस्थान मीडिया प्रकोष्ठ से  राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी  राजेश पुरोहित जी लोकसभा चुनावों में व्यस्त रहते हुए भी संस्थान के समाचारों के लिए जागरूक हैं । मीडिया विभाग में युवा शक्ति का प्रतिनिधित्व करने वाले अनुज नवीन ने दो किताबें प्रकाशित की हैं जिनके विमोचन की भी संभावना इस कार्यक्रम में की जा रही है । इस अवसर पर आ०चंद्रपाल सिंह चंद्र जी द्वारा संपादित योग संगम विशेषांक सहित कई साहित्यकारों के काव्यमेधों का विमोचन भी होने की पूरी संभावना है । पूर्वोत्तर की पृष्ठभूमि पर आधारित *बरनाली* साझा उपन्यास का लोकार्पण इसकी डायरेक्टर डॉ राजलक्ष्मी शिवहरे जबलपुर के करमलों होगा । इस समाचार से बरनाली की संपादक तिनसुकिया शाखा की सचिव डॉ सुचि संदीप अत्यंत उत्साहित हैं ।

*वार्षिकोत्सव में प्रदान की जाने वाली विद्यावाचस्पति/डेक्ट्रेट की मानद उपाधि के लिए भारी संख्या में साहित्यिक बायोडाटा आए हैं । साहित्यिक बायोडाटा जमा कराने की आज अंतिम तिथि है । इन बायोडाटा और साहित्यकारों की सक्रियता को देखते हुए निर्णय समिति निर्धारित करेगी कि किसे-किसे यह मानद उपाधि प्रदान की जाए ।

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।