व्याकरण शाला में संपन्न हुआ साहित्य सारथी सम्मान समारोह

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साहित्य संगम व्याकरण शाला अधिक्षिका श्रीमती लता खरे जी ने बताया है किसाहित्य संगम संस्थान द्वारा संचालित व्याकरण शाला जिसमें व्याकरण की नियमित कक्षाएँ आ० लता खरे जी  के निर्देशन में आयोजित होती  है , अभी १५-०४-२०१९ से २१-०४-२०१९ तक संचालित अभ्यास कार्य में उत्कृष्ट प्रदर्शन और सक्रियता हेतु व्याकरण शाला साहित्य संगम संस्थान साहित्य सारथी सम्मान प्रदान किये गये है | सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि श्रीमान मनोज कुमार सामरिया ‘मनु’ के कर कमलों द्वारा सम्मान पत्र प्रदान किये गए |तथा सभी सम्मानित साहित्यकारों को
साहित्य सारथी सम्मान से नवाजा गया |
संस्थान  के अध्यक्ष महोदय राजवीर सिंह मंत्र ने सभी सम्मानित साहित्यकारों के सहयोग को शलाघ्य बताया  है |निम्न वरिष्ठ
पदाधिकारियों की मौजूदगी प्रशंसनीय रही :-  संगम संस्थान सचिव आ० तरूण सक्षम जी , कैलाश मंड़लोई ‘कदम्ब’ जी एवं साहित्य संगम व्याकरण शाला अधिक्षिका श्रीमती लता खरे जी | इस अवसर पर मनु ने कहा कि संस्थान  की ओर से आपके उज्ज्वल साहित्य जीवन की कामना करते हुए यह सम्मान देकर आपको गौरवान्वित महसूस कर रहा हूँ  | मैं   सभी को यह सम्मान पत्र प्रदान करते हुए हर्ष का अनुभव कर रहा हूँ | आभारी हूँ
संगम संस्थान परिवार का जो मुझे इस योग्य समझा व्याकरण शाला में सम्मानित साहित्य सारथी सम्मान विभूति अर्चना राय जी , महालक्ष्मी सक्सेना  मेधा जी , रवि रश्मि अनुभूति जी , कुसुम खरे श्रुति जी , कुमुद श्रीवास्तव वर्मा जी , छाया सक्सेना प्रभु दीदी , भावना शिवहरे जी , संजीत सिंह यश जी |

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।