आधा सुखा आधा हरा 

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upkar saransh
आधा सुखा आधा हरा
एक पेड़ फुलो से भरा
बढता देख पर्यावरण प्रदूषण
मिलने लगे भयंकर लक्षण
सुंदरता भी खोने लगी
सूरज से धरती तपने लगी
कभी जल से भरे थे तालाब
जब से उमड़ा मानव का सैलाब
एक एक दिन बीत रहे थे
तालाब लगातार सूख रहे थे
भीषण गर्मी पड़े अकाल
जब से मानव ने चली थी चाल
सुखी धरती गरीयाती रही
पर मनु को उस पर दया न आयी
पता था फिर भी बदलाव न लायें
अब परिणाम खुद भुगतायें
बोल रहा हूँ अब भी चेतो
नहीं तो संसार देखोगे जलतो
      #उपकार सारांश 
परिचय-नाम-श्रवणराम पटेल 
साहित्यिक उपनाम-उपकार सारांश 
वर्तमान पता-खुडाला लुनी 
राज्य-राजस्थान 
शहर- जोधपुर 
शिक्षा- B.A.arts 
कार्यक्षेत्र-हिन्दी साहित्य 
विधा – गद्य पद्म 
प्रकाशन-
सम्मान-
ब्लॉग-
अन्य उपलब्धियाँ-प्रथम प्रकाशन 
लेखन का उद्देश्य- हिन्दी साहित्य को बढ़ावा देना 

matruadmin

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।