रिश्ते में कमजोर निर्णय यानी नुकसान

1
0 0
Read Time10 Minute, 24 Second

baldva
आज के विचार से मैं माता-पिता को यह बताना चाहूंगा कि,कुछ चीजों में आपको अपने बच्चों को समझना चाहिए,क्योंकि बच्चे यह सब चीजें शादी के १०-१५ साल बाद अनुभव करते हैं इसलिए सगाई के वक्त उनको यह बातें समझ नहीं आती है। जेसे नौकरी करने वालों और व्यापार करने वालों में अंतर है। जिसके माँ-बाप व्यापार करते हैं, और उनका एक ही बेटा या बेटी है तो व्यापार वाला ही सही रहता है,ये समझ का फर्क है। नौकरी के लोगों को जब नौकरी में कमी आती है तो अवसाद में चले जाते हैं,और अभिमान होने से तलाक की संभावना ज्यादा रहती है। बड़ी पार्टी देखकर शादी करने के बाद जब ख़राब समय आता है,तब कहा जाता है-बच्ची के भाग्य ही ऐसे थे जो गलत है। बड़ी पार्टी देखते समय ये भी जरुर देखें कि, शामिल कारोबार तो नहीं है,अगर है तो आपका जिससे सबन्ध होने वाला है , उसका क्या दखल है व्यापार में,इसे समझना चाहिए। कहीं ऐसा तो नहीं कि,उसको इसका कोई ज्ञान ही नहीं है ?
सारे नौकरी वाले देखेंगे तो नौकरी कैसे मिलेगी,यहां भी सोचिए। हमेशा अच्छी आय की तुलना गलत है, अगर आपके बच्चे का वेतन अच्छा है, या व्यापार अच्छा है या काबिल है, तो अच्छा परिवार और बच्चा देखें, क्योंकि कमाई से ज्यादा महत्वपूर्ण है खर्च का तरीका।फिर अगर आप सम्बन्ध कर देते हैं,तो वेतन(पैकेज) सिर्फ आपके बच्चे-बच्ची का नहीं है,अगर आप सही में शादी कर रहे तो दोनों का वेतन मिलाकर एक हुआ। अगर वेतन से शादी कर रहे हैं तो बात अलग हैं..यानी आप आगे तलाक की ज़मीन तैयार कर रहे हैं अपने बच्चों के लिए ????
आज हर लड़की एक अच्छे लड़के के सपने देखती है, जो आर्थिक रुप से सम्पन्न भी हो,ताकि उसके जीवन में कोई अभाव न हो। अगर आप पूछते हैं सुंदर क्यों?,तो जवाब होगा- हमारा अभिमान..,क्योंकि जब हमारी सगाई होगी तब दोस्त कहेंगे -‘वाह ,तेरा मंगेतर तो बहुत सुंदर है’..तो यह हमें बहुत खुशी देगा। फ़िर आप धन से मजबूत लड़का चाहते हो,ताकि आप एक विलासी जीवन जी सकें…जबकि सब बातों को महत्व देना चाहिए, सिर्फ एक बात से जिंदगी नहीं चलती। सब थोड़ा होगा,तो जिंदगी अच्छी चलेगी,पर एक को महत्व मतलब तलाक की जमीन तैयार.. ऐसी शादी का क्या मतलब ??
फिर आप एक अच्छे शहर में शादी करना चाहते हैं, जहां घूमने की अच्छी जगह हो,बच्चों के लिए अच्छे स्कूल-कॉलेज हों,ताकि उनका भविष्य बहुत बढ़िया हो। कुल मिलाकर बच्चों की तीन ख्वाहिश होती है.।
अब फिर माता-पिता की बारी, तो यहां चाहते हैं कि,लड़के वालों की प्रतिष्ठा अच्छी हो,और दूसरा कुंडली मिलान..।
शहर से ज्यादा महत्वपूर्ण है परिवार और बच्चों का भविष्य। कई बार गांव की जिंदगी बेहतर होती है। आजकल जो लोग कृषि को व्यापार या फार्म बनाते हैं, उनको गांव और शहर दोनों का आनंद मिलता है। असली जिंदगी के लिए गांव व शहर दोनों जगह महत्वपूर्ण है।

मेरा अनुभव है कि,कुल ५ चीजें हर लड़की वाले आज देखते हैं,पर क्या यह चीजें आपको मिलें, ऐसा जरूरी है?कहीं एक में भी सामंजस्य नहीं करने के चक्कर में लड़की की आयु 30 साल तो नहीं हो गई!!
कई बार मैं देखता हूं कि,लड़की खुद औसत दिखती है और उसके घर की आर्थिक स्थिति भी ज्यादा अच्छी नहीं है,पर वहां पर भी यह सब माँग रहती है। इस कारण बच्चे भाग जाते है। एक आयु में ही ये कार्य हो जाना चाहिए, वर्ना समाज के साथ खुद की जिंदगी भी गलत कदम या देरी से कदम उठाने से नर्क हो जाती है। बच्चों की जिंदगी भी आपकी देरी के कारण ख़राब हो जाती है। आजकल बहुत पढ़ाने का चलन है, अतः बेटी जल्दी बिदा करें और बहू को पढ़ाएं,इससे परिवार आगे बढ़ता है।
यहां भी कड़वा सच है कि,आजकल सगाई केवल इसलिए मुश्किल नहीं हो गई,क्योंकि १०० लड़कों के सामने ८८ लड़कियां ही है। लड़कियों की भी सगाई में भी परेशानी आती है,इसलिए कहूंगा कि सगाई-शादी आज बड़ी समस्या है। इसकी वजह सिर्फ यह है कि, हमारे निर्णय अच्छे नहीं हैं…।
जिस समुदाय में २५ साल लड़की की शादी की उम्र है,वहां लोग 30 साल में कुंडली मिलाने का कहते हैं। मित्रों,क्या आप जानते हैं कि,अगर आपके समुदाय या समाज में लड़की की शादी की आयु २५ है तो उसके बाद हर एक साल में आपके पास आधे से आधे मौके यानी विकल्प होते जाएंगे। २२ साल में आपके पास साल के २० रिश्ते आ रहे थे तो २८ में मुश्किल से ५ भी नहीं आते हैं।
मेरा बस यही कहना है कि,इतनी परेशानी है तो हम क्यों नहीं सही निर्णय लेते हैं। आप देखिए कि,आपके बच्चों की आदत क्या है,अगर वह पूरी तरह सुविधाभोगी है तो आप पैसे वाली ससुराल देख लीजिए तथा सुंदरता और दूसरी चीजों में थोड़ा समझौता कर लीजिए। अगर वह मध्यम वर्ग में रह सकती है तो पैसे वाले बिन्दु पर समझौता या सामंजस्य कीजिए।
यदि उसकी आयु २५ से ज्यादा है तो अब कुंडली मिलान को भूल जाएं, या न्यूनतम अंक को ही महत्व दीजिए, क्योंकि इस चक्कर में आप कई अच्छे मौके छोड़ चुके हैं..। लोग सोचते हैं कि सब कुछ है,कर्मो और योग से होगा, पर यह विचार शादी के मामले में गलत है। अगर सगाई नहीं होती है तो,उस में ग्रहों से ज्यादा कारण है आपके सही समय पर सही निर्णय नहीं ले पाना।
मुझे हाल ही में एक पिता मिले, जिनके पास अच्छा पैसा है। उनकी लड़की की आयु ३० साल हो गई है तो वह गजब टेंशन में थे।या तो वे पार्टी ढूंढ रहे हैं या बस जैसे ज्योतिष ही उनकी आखिरी उम्मीद हो। वह सोचते हैं कि बस इसके योग शुरू हो जाए तो शादी अपने-आप हो जाएगी। मित्रों ज्योतिष और योग से कुछ नहीं होना है। ऐसा समझ लीजिए कि, आपके लड़के की आयु २१ हो गई तो शादी के योग शुरू हो गए हैं और २५ के बाद वो कमजोर हो जाएंगे। जब आपके पास पैसा है तो पार्टी क्यों ढूंढ रहे हैं,बराबर की थोड़ी छोटी में भी काम चला लीजिए अगर आपसे बड़ी पार्टी ने भी यही सोच लिया तो क्या होगा? पार्टी के बजाय भविष्य देखिए, पार्टी बनते-बिगड़ते देर नहीं लगती है।
अपने बच्चों की आदत को समझकर उसके हिसाब से उनका साथी खोजिए और थोड़ा बहुत उन्हें भी समझाइए कि वह जिसकी जिद कर रहे हैं कम समय में हो सकता है वह बहुत खास हो, पर बाद के लिए दुख का कारण बन जाएगा। आज २८ साल की लड़की की शादी नहीं होती,तो लोग कहते हैं इसके योग कमजोर हैं, पर मैं कहूंगा इनके अभिभावक का निर्णय कमजोर है,जो सही समय पर सही निर्णय नहीं ले पा रहे हैं। इसलिए निवेदन है कि,सोच बदलिए। पांच जरुरतों में से कई बार आपको सब मिले,ऐसा जरूरी नहीं है।आप २१-२३ की उम्र तक इनको चाहें अच्छा है,लेकिन ३० के बाद भी आप ऐसी ही जिद करें कि तो एक बार फिर सोचिए,कहीं यह आपके फैसला लेने की कमजोरी तो नहीं है।
पार्टी ऐसी तलाशिए, जिसे खुद ना मालूम हो कि वो भी पार्टी है। यकीन मानिए,बच्चे सदा सुखी रहेंगे।

                                                                           #शिवरतन बल्दवा

परिचय : जैविक खेती कॊ अपनाकर सत्संग कॊ जीवन का आधार मानने वाले शिवरतन बल्दवा जैविक किसान हैं, तो पत्रकारिता भी इनका शौक है। मध्यप्रदेश की औधोगिक राजधानी इंदौर में ही रिंग रोड के करीब तीन इमली में आपका निवास है। आप कॉलेज टाइम से लेखन में अग्रणी हैं और कॉलेज में वाद-विवाद स्पर्धाओं में शामिल होकर नाट्य अभिनय में भी हाथ आजमाया है। सामाजिक स्तर पर भी नाट्य इत्यादि में सर्टिफिकेट व इनाम प्राप्त किए हैं। लेखन कार्य के साथ ही जैविक खेती में इनकी विशेष रूचि है। घूमने के विशेष शौकीन श्री बल्दवा अब तक पूरा भारत भ्रमण कर चुके हैं तो सारे धाम ज्योतिर्लिंगों के दर्शन भी कई बार कर चुके हैं।

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

One thought on “रिश्ते में कमजोर निर्णय यानी नुकसान

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

Solution Evaluation. Continue Modifying. In case you possess a enterprise, you will know client complaints about your item(s) or program(s) ought to be dealt with and managed properly. You ought to do your very best to meet clients, since you wish them to return and you wish these people to feel on other folks for you personally. Before the Net, client difficulties had been normally handled by mail, phone, or encounter-to-experience and do my paper settled with each and every buyer.

Fri Apr 28 , 2017
Solution Evaluation. Continue Modifying. In case you possess a enterprise, you will know client complaints about your item(s) or program(s) ought to be dealt with and managed properly. You ought to do your very best to meet clients, since you wish them to return and you wish these people to […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।