लोकतंत्र का पर्व
मनाना उल्लास से
एक मत न छूटे
मतदान करना ठाठ से।
सभी का अधिकार समान
फर्ज निभाना करना मतदान
जन जन का प्रतिनिधी चुनना
जो सबका रखे ख्याल समान।
शंका भय की तनिक न चिंता
अपना फर्ज निभाना
निर्भीकता के साथ सभी को
मतदान करने ले जाना।
बदल रहे विचारों की
मजबूत बने सरकारो की
चुनकर ही लाना
घरो से निकलकर
मतदान के बाद ही
सारा काम निपटाना ।
पाँच वर्षो में यह अवसर
एक बार ही आता है
देश का प्रतिनिधी चुनने का
सौभाग्य आपको ही जाता।
समान विचार सम्मान का संस्कार
दया भाव से रखे सबका ख्याल
देश की आन बान शान बढता रहे
लोकतंत्र का यह पर्व यूँ ही आता रहे।
“आशुतोष”
नाम। – आशुतोष कुमार
साहित्यक उपनाम – आशुतोष
जन्मतिथि – 30/101973
वर्तमान पता – 113/77बी
शास्त्रीनगर
पटना 23 बिहार
कार्यक्षेत्र – जाॅब
शिक्षा – ऑनर्स अर्थशास्त्र
मोबाइलव्हाट्स एप – 9852842667
प्रकाशन – नगण्य
सम्मान। – नगण्य
अन्य उलब्धि – कभ्प्यूटर आपरेटर
टीवी टेक्नीशियन
लेखन का उद्द्श्य – सामाजिक जागृति