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मान मिले सम्मान मिले,
नारी को उसका स्थान मिले।
जितनी सेवा भक्ति वो करती है ।
उससे ज्यादा उसे सम्मान मिले।
कितना कुछ वो, पूरे दिन भर करती है /
घर बाहर का सब कुछ देखा करती है।
सगे सम्बधियो और अपनों से रिश्ता निभाती है /
और फिर भी बिल्कुल वो थकती नहीं।
बिना आराम किए, निरंतर वो कार्य करती है।
न कोई छुट्टी न ही वेतन कभी वो लेती है ।
फिर भी निस्वार्थ भाव से, ख्याल सब का रखती है ।
ऎसी होती है महिलाएं, जो प्यार सभी करती है।
करती है जो कार्य वो, कोई दूजा न कर सकता ।
सबकी सुनती सब को सहती /
फिर भी विचलित वो न होती ।
लगी रहती दिन भर वो, अपने घर के कामो में।/
आओ हम सब ले संकल्प ।
इस महिला दिवस के अवसर पर।
सदा ही देंगे उनको हम सब सम्मान ।
क्योकि वो हम सब की जो जननी है /
सहनशीलता की इस देवी को,
कुछ तो आज उपहार दे।
अपने मीठे वचनो और मुस्कान से /
क्यों न हम उसका सम्मान करे //
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर सभी महिलाओ को समर्पित में ये कविता।
सभा को बहुत बहुत बधाई और शुभ कामनाये /
#संजय जैन
परिचय : संजय जैन वर्तमान में मुम्बई में कार्यरत हैं पर रहने वाले बीना (मध्यप्रदेश) के ही हैं। करीब 24 वर्ष से बम्बई में पब्लिक लिमिटेड कंपनी में मैनेजर के पद पर कार्यरत श्री जैन शौक से लेखन में सक्रिय हैं और इनकी रचनाएं बहुत सारे अखबारों-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहती हैं।ये अपनी लेखनी का जौहर कई मंचों पर भी दिखा चुके हैं। इसी प्रतिभा से कई सामाजिक संस्थाओं द्वारा इन्हें सम्मानित किया जा चुका है। मुम्बई के नवभारत टाईम्स में ब्लॉग भी लिखते हैं। मास्टर ऑफ़ कॉमर्स की शैक्षणिक योग्यता रखने वाले संजय जैन कॊ लेख,कविताएं और गीत आदि लिखने का बहुत शौक है,जबकि लिखने-पढ़ने के ज़रिए सामाजिक गतिविधियों में भी हमेशा सक्रिय रहते हैं।
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