अभिनन्दन का अभिनन्दन

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rambahadur
अभिनन्दन का अभिनन्दन
पूरा  भारत कर  रहा वन्दन
यहां  लग  रहा रंग  व चंदन
तुम कर रहे  करूण  क्रन्दन
कितने  तुम धोखा  कर  लो
 हम पर  बुरी  नज़र कर लो
चाहे ज़मीन पर आजमा लो
चाहे  पानी में जोर  लगा लो
हम हरदम  तुमसे बीस रहेंगे
आप  यदि  सोलह भी  रहेंगे
तो हम वहां बत्तीस  ही रहेंगे
चाहे पी ओ के हो या लाहौर
हम  रहेंगे हमेशा ही सिरमौर
शाहीन व गौरी तुम बनाओगे
एफ-16भी धोखे से  लाओगे
कितना भी सामान जुटाओगे
अभिनन्दन  कहां से  लाओगे
सरहद  पर भारत के आओगे
हर तरफ अभिनन्दन पाओगे
नहीं तुम  बचके अब जाओगे
हर  बार तुम  मुंहकी खाओगे
प्रेम  से  अभिनन्दन   पाओगे
या एफ16 जैसे उड़  जाओगे
कहीं के  भी नहीं  रह पाओगे
मान मेरी बात तो बच पाओगे
नहीं  तो अकेला  हो  जाओगे
#राम बहादुर राय “अकेला”
एम.ए.(हिन्दी, इतिहास ,मानवाधिकार एवं कर्तव्य, पत्रकारिता एवं जनसंचार),बी .एड.
मानवाधिकार कार्यकर्ता एवं स्वतंत्र पत्रकार,
बलिया (उत्तर प्रदेश)

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