गया नही हूँ मैं

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khushabu kumari
क्या आज़ादी पाई है हमने,
क्या शहादत पाई है हमने,
अब न फिक्र होगा माँ तुम्हे,
मेरे सरहद पे लड़ने पर,
अब न फिक्र होगी संगिनी तुम्हे,
मेरे घर न आने पर,
अब न फिक्र करना बहना,
तेरा भाई अब अलविदा कह गया है,
अब न फिक्र करना बच्चे मेरे,
तुम्हारा पिता तस्वीरों में समा गया है,
न फिक्र करना देशवासियों,
मर कर भी ये जवान,
सीना ताने तैनात है,
शरीर मे तिरंगा,
हाथ मे बंदूक थामे,
आज भी मेरा कण कण,
भारत माँ के नाम है।
आज भी गोली चलेगी मेरी,
दुश्मन मिट्टी में मिल जाएंगे,
शहीद होकर भी,
हम अपनी आशिकी निभाएंगे,
मत रोना मेरे देशवासियों,
गया नही हूँ मैं,
तुम्हारे हर पल, हर उम्मीद में,
यहीं कहीं हूँ मैं।
देख रहा हूँ पुलवामा के हर एनकाउंटर को,
सुकून मिल रहा है,
आतंक को खत्म करने में,
शहीद होकर भी,
जीने का जुनून मिल रहा है।
गया नही हुँ मैं,
हर उम्मीद, हर आस में,
यहीं कहीं हूँ मैं,
यही कहीं हूँ मैं।
जय हिंद, जय भारत।
#खुशबू कुमारी

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