मातृभाषा उन्नयन संस्थान का *संस्थान गीत* लोकार्पित

0 0
Read Time2 Minute, 6 Second

इन्दौर ।

भारत की राष्ट्रभाषा हो हिन्दी ऐसी अवधारणा को जनमानस में पहुँचाने के लिए प्रतिबद्धता से कार्यरत मातृभाषा उन्नयन संस्थान का संस्थान गीत का ऑनलाइन लोकार्पण सोमवार को सम्पन्न हुआ।इस गीत को कवि सम्मेलन के प्रसिद्ध गीतकार एवं ऋषभदेव निवासी कवि नरेंद्रपाल जैन ने लिखा एवं स्वर भी श्री जैन ने ही दिया है।मातृभाषा उन्नयन संस्थान गीत के नाम से यह यूट्यूब पर  ही उपलब्ध है। इस गीत को जारी करते हुए संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ ने कहा कि संस्थान हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाने के अपने ध्येय की ओर अग्रसर है, उसी बात को सुप्रसिद्ध कवि नरेंद्रपाल जैन ने गीत में बहुत ही अच्छे से पिरोया है।ज्ञात हो कि गीतकार नरेंद्रपाल जैन कवि सम्मेलन मंचों के ख्यात गीतकार एवं जैन कवि संगम के संस्थापक अध्यक्ष भी हैं।संस्थान के राष्ट्रीय महासचिव कमलेश कमल, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ.नीना जोशी, राष्ट्रीय सचिव गणतंत्र ओजस्वी, राष्ट्रीय काव्यमंच संयोजक मुकेश मोलवा, राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष शिखा जैन सहित जलज व्यास, नितेश गुप्ता, लक्ष्मण जाधव, भावना शर्मा, रश्मिलता मिश्र, मुकेश मनमौजी, डॉ. अनिल उपहार, हिमांशु भावसार, अंशुल व्यास, आदि ने शुभकामनाएँ प्रेषित करते हुए गीत को उत्कृष्ट बताया।

https://youtu.be/8HHvB1vq0Kc

matruadmin

Next Post

भारतीय भाषाएं: दशा, दिशा और भविष्य

Tue May 12 , 2020
सारी भारतीय भाषाएं अपने जीवन के सबसे गंभीर संकट के मुहाने पर खड़ी हैं। यह संकट अस्तित्व का है, महत्व का है, भविष्य का है। कुछ दर्जन या सौ लोगों द्वारा बोली जाने वाली छोटी आदिवासी भाषाओं से लेकर 45-50 करोड़ भारतीयों की विराट भाषा हिंदी तक इस संकट के […]

पसंदीदा साहित्य

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।