नारी , प्रेम की देवी

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pramod sonvani
नारी …
एक ममता ,
एक प्रेम ,
एक चाहत की देवी है ।
नारी में है रीत भरी ,
वह गीतों की लहरी है ।
कर्म अमिट कर गई है ,
सचमुच , नारी अमर हो गई ।।
 # डॉ.प्रमोद सोनवानी पुष्प

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