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सारी दुनिया से अपनी, पहचान मिटा कर चले गए,
भिगोकर खून में वर्दी, कहानी दे गए अपनी I
मोहब्बत वाले दिन, वतन पर जान लुटा गए ,
और वतन से मोहब्बत वो, इस कदर निभा गए II
अपनी सारी खुशियाँ और, अरमान लूटा कर चले गए,
मोहब्बत मुल्क की सच्ची, निशानी दे गए अपनी I
इसलिए वो हिन्दुस्ता पर, जान लूटा कर चले गए /
और वतन से मोहब्बत वो, इस कदर निभा गए II
एक तम्मन्ना थी , दिल में की, मेरा भारत खुशहाल रहे,
इसलिए मनाते रह गए, वेलेंटाइन-डे यहाँ हम तुम I
और वहाँ कश्मीर में सैनिक, जवानी दे गए अपनी..I
और वतन से मोहब्बत वो, इस कदर निभा गए II
शांतिवार्ता से अब तक, क्या हम को है मिला ,
क्या पाया, क्या खोया, देशवासियो को वो बता गए I
माँ बाप , बीबी बच्चो को, वतन के हवाले छोड़ गए,
और वतन से मोहब्बत वो, इस कदर निभा गए II
“आतंकी हमले में शहीद हुए जवानों को विनम्र श्रद्धांजलि “
#संजय जैन
परिचय : संजय जैन वर्तमान में मुम्बई में कार्यरत हैं पर रहने वाले बीना (मध्यप्रदेश) के ही हैं। करीब 24 वर्ष से बम्बई में पब्लिक लिमिटेड कंपनी में मैनेजर के पद पर कार्यरत श्री जैन शौक से लेखन में सक्रिय हैं और इनकी रचनाएं बहुत सारे अखबारों-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहती हैं।ये अपनी लेखनी का जौहर कई मंचों पर भी दिखा चुके हैं। इसी प्रतिभा से कई सामाजिक संस्थाओं द्वारा इन्हें सम्मानित किया जा चुका है। मुम्बई के नवभारत टाईम्स में ब्लॉग भी लिखते हैं। मास्टर ऑफ़ कॉमर्स की शैक्षणिक योग्यता रखने वाले संजय जैन कॊ लेख,कविताएं और गीत आदि लिखने का बहुत शौक है,जबकि लिखने-पढ़ने के ज़रिए सामाजिक गतिविधियों में भी हमेशा सक्रिय रहते हैं।
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