कुछ लोग मेरी नज़रों से रोज़ गिरा करते हैं,
कोई गिरगिट तो कोई मौसम बनकर मिला करते हैं।
क्या जान पाएंगे वो लोग मोहब्बत का मर्ज़,
इनकी ज़िन्दगी में बिन काँटों के फूल खिला करते हैं।
चैन से बैठने नहीं देते किसी परिंदे को,
कुछ शज़र बेमतलब हिला करते हैं।
किसी के लिए कोई दुआ नहीं इनकी ज़ुबाँ पर,
ख़ुदा के दर पर भी शिकवा-गिला करते हैं।
होते रहते हैं अक्सर इनकी इज़्ज़तों के टुकड़े,
फिर इन टुकड़ों को कच्चे धागे से सिला करते हैं।
कुछ लोग मेरी नज़रों से रोज़ गिरा करते हैं..
कोई गिरगिट तो कोई मौसम बनकर मिला करते हैं।।
#होकमदेव राजपूत
परिचय : होकमदेव राजपूत राजगढ़ जिले के ग्राम सुकली(तहसील नरसिंहगढ़) में निवास करते हैं।