ये रोज हमें आवाज लगाता कौन है,
नदी किनारे मीठा गीत गाता कौन है।
सुबह नींद से हमें जगाता कौन है,
ख्वाब में आता नहीं,ख्यालों में आता कौन है।
हमारे नाम से ख़त भिजवाता कौन है,
ये रस्ता और वो मंजिल पर पहुँचता कौन है।
झूठ बोलकर आया हूँ,
तेरे शहर में सच बोलता कौन है।
सजा भी मंजूर है मुझे बाँहों में तेरी,
यहां फांसी पर झूलता कौन है।
किस गली में घर है तुम्हारा,बताओ
जरा यहाँ दरवाजा खुला छोड़ता कौन है।
#पिंकू राजपूत
परिचय : मध्यप्रदेश के ग्राम बाजनिया (टिमरनी,जिला हरदा) निवासी पिंकू राजपूत शौक से रचनाकार हैं। इनकी रचनाओं में रिश्तों का चित्रण अधिक नज़र आता है।