हम इंदौरी

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vijay chouhan
40 सदस्यीय, अभिभाषको का एक दल इंदौर से गुजरात भ्रमण पर गया । इंदौर से मालवा माटी की खुशबू और गिर में वनराज का सामीप्य खुशी को दोगुना कर रहा था।
गुजरात के एक छोटे से कस्बे में वकीलों की बस गवाह दलीलों से दूर चाय की चुस्की लेने में मशगुल थी ।
डिस्पोजल में झलकती कड़क अदरक वाली चाय और तश्तरी में तैरता समोसा सभी को तृप्त कर रहा था। आदत के अनुसार नाश्ते के बाद सभी लोग दुकान पर डस्टबिन ढूंढने लगे। पड़ताल करने पर ज्ञात हुआ कि दुकान में डस्टबिन नाम की कोई चीज नहीं है । सारा दुकान का कचरा, यत्र-तत्र सर्वत्र व्याप्त था, तभी दल का एक सदस्य कागज का एक बड़ा बक्सा, बस में से ले आया और देखते ही देखते  कचरा, डस्टबिन में मुस्कुरा रहा था. भुगतान करते समय दुकानदार ने पूछ लिया साहब कहां से पधारे हो? तब बस चालक ने कॉलर ऊंची करते हुए कहा….हम इंदौर से हैं । दुकानदार इंदौर को जानता था, अच्छा जी,…इंदौर!  जो पूरे देश मे अव्वल आया ।
दुकानदार ने स्वयं को उत्तर देते हुए कहा ……..अब समझ आया! कि इंदौर क्यो अव्वल आया, क्योकि शहर का हर बाशिंदा जब सफाई पसन्द हो तथा संकल्प अंतर्मन से हो तो शहर ही क्या पूरा देश अव्वल आ सकता है।
टाटा बाय-बाय के बीच डस्टबिन  में कचरा इठला रहा था । और बस आगे बढ़ गई पर्यटन की ओर….

#विजयसिंह चौहान

परिचय : विजयसिंह चौहान की जन्मतिथि  ५ दिसंबर १९७० और जन्मस्थान इन्दौर हैl आप वर्तमान में इन्दौर(मध्यप्रदेश)में बसे हुए हैंl इन्दौर शहर से ही आपने वाणिज्य में स्नातकोत्तर के साथ विधि और पत्रकारिता विषय की पढ़ाई की हैl आपका  कार्यक्षेत्र इन्दौर ही हैl सामाजिक क्षेत्र में आप सामाजिक गतिविधियों में सक्रिय हैं,तो स्वतंत्र लेखन,सामाजिक जागरूकता,तथा संस्थाओं-वकालात के माध्यम से सेवा भी करते हैंl विधा-काव्य,व्यंग्य,लघुकथा व लेख हैl उपलब्धियां यही है कि,उच्च न्यायालय(इन्दौर) में अभिभाषक के रूप में सतत कार्य तथा स्वतंत्र पत्रकारिता में मगन हैंl 

matruadmin

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।