मै हूँ दिसम्बर तुम हो जनवरी
याद तुम्हारी आते ही
दौड़ जाती है
बदन में सरसरी
बिछा ली तेरी यादें
जैसे हो तेरा इश्क़
एक गरम दरी
मै हूँ दिसम्बर तुम हो जनवरी
भूलूँ तो भला कैसे तुमको
तुम ही तुम हो
मुझमें हर पल हर घड़ी
मै हूँ दिसम्बर तुम हो जनवरी
कितने पास है सोचो तो
हम तुम
बिलकुल बगल बगल
लेकिन वक़्त की मार तो देखो
11 महीनों की सहनी पड़ती जुदाई
किस्मत में साथ भी दिया
और की थोड़ी सी गड़बड़ी
मै हूँ दिसम्बर तुम हो जनवरी
स्वीटी गोस्वामी भार्गव
#स्वीटी गोस्वामी भार्गव
परिचय : स्वीटी गोस्वामी भार्गव का रिश्ता शहर आगरा(राज्य-उत्तर प्रदेश)से है। वर्तमान में यहीं निवासरत हैं। स्नातक तक शिक्षित श्रीमती भार्गव हिंदी अध्यापिका के पद पर कार्यरत हैं। लिखना आपका शौक है।