कभी लोगों ने तड़पाया,
कभी रोगों ने तड़पाया,
कभी धनवानों ने रौंदा,
कभी नेता ने धमकाया।
कभी दिल में उठी सच बात को उसने नहीं रोका,
इन्हीं सच्चाइयों ने तो उसे बढ़ना ही सिखलाया।
वो बढ़ने फ़िर लगा आगे, किसी दीवाने के जैसे,
ये दुनिया छोड़िए अपनों
से भी पागल वो कहलाया।
ख़ुदा के रास्ते पर उम्रभर, चलता रहा, फ़िर भी,
उसी के चाहने वालों ने उसको तब भी ठुकराया।
उसे जुल्मों के आगे सिर, झुकाना जब नहीं आया,
सभी ने इक बुरे सपने की तरहा उसको बिसराया।
ख़ुदा से रोज़ दिल ही दिल में वो तो बात करता था,
ख़ुदा ने उसके दिल में फ़िर कहीं ईमान समझाया।
ख़ुदा की फ़िर इनायत ने,
उसे इक हौंसला बख़्शा,
ख़ुदा उस से यही बोले,
‘मेरे होते क्यूँ घबराया।’
सभी ने लाख़ कोशिश की, उसे भटकाने की देखो
रुकावट पार करके ,
मंज़िलों को उसने चमकाया।
उसी की ‘ज़िन्दगी’ से ,
हौंसला ‘सोनू’ को आया
उसी ने तो तमस में भी,
मुझे सूरज दिखलाया।
#सोनू कुमार जैन