Read Time1 Minute, 48 Second
उसमें आवाज़ कुछ तुम्हारी लगे
मुझको कोयल की कूक प्यारी लगे
मैंने सीखा है जबसे सच कहना
मेरी हर बात ही कटारी लगे
खीर घर घर में क्यों बंटा आख़िर
मुझको दुल्हन का पांव भारी लगे
बस कि बदनाम हो गये हम – तुम
मेरी खिड़की तेरी अटारी लगे
बस मिलन यामिनी की चाहत में
ये मोहब्बत हमें उधारी लगे
मुझको पगडंडियों से घुमवा दो
मुझको बस कार की सवारी लगे
आके ससुराल अपने मइके से
एक बच्ची भी पूरी नारी लगे
बात सारी बनावटी उसकी
ये सियासत हमें मदारी लगे
उसके दिल में है दर्द दुनिया का
वो मोहब्ब्त का इक पुजारी लगे
#डॉ.जियाउर रहमान जाफरी
परिचय : डॉ.जियाउर रहमान जाफरी की शिक्षा एम.ए. (हिन्दी),बी.एड. सहित पीएचडी(हिन्दी) हैl आप शायर और आलोचक हैं तथा हिन्दी,उर्दू और मैथिली भाषा के कई पत्र- पत्रिकाओं में नियमित लेखन जारी हैl प्रकाशित कृति-खुले दरीचे की खुशबू(हिन्दी ग़ज़ल),खुशबू छूकर आई है और चाँद हमारी मुट्ठी में है(बाल कविता) आदि हैंl आपदा विभाग और राजभाषा विभाग बिहार से आप पुरुस्कृत हो चुके हैंl आपका निवास बिहार राज्य के नालंदा जिला स्थित बेगूसराय में हैl सम्प्रति की बात करें तो आप बिहार सरकार में अध्यापन कार्य करते हैंl
Post Views:
602