सीता

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निमि की वंशज हूँ मैं,
सूर्यवंश की परिणीता।
जो त्रैलोक्य का स्वामी है,
उसका मन मैंने जीता।।
विधि से लभ्य हुए सब साधन,
किन्तु अभाव में बीता जीवन।
सप्तपदी से सप्तजनम का,
साथ तुम्हारा प्रेय बना।
वनवास तुम्हें जब श्रेय हुआ,
मेरा भी गृह अरण्य बना।।
मेरा कब, कितना दोष रहा,
मेरा मन उत्तर खोज रहा।।
लंकेश ने हर लिया मुझे,
हर लिया गात, मन हर न सका।
वो स्वर्ण सदन का स्वामी भी,
दृष्टि तक मुझ पर धर न सका।।
मेरी मुक्ति हित जाने तुमने,
कितने कष्टों का वरण किया।
हारा वह दम्भी दशानन,
तुमने ही जय को वरण किया।।
तो क्या जीता तुमने रघुवर?
मुझ वैदेही को या कि समर।
जब अग्नि परीक्षा हुई प्रखर,
क्यों हुआ साथ अपना न अमर?
केवल एक जन के प्रलाप पर,
रघुवर ,मुझको क्यों त्याग दिया।
मेरे उदर में जो था तवांश,
उसको भी दुःख का भाग दिया।।
दाम्पत्य धर्म की नींव सदा,
विश्वास ,प्रेम को माना हैं।
मर्यादा के पुरुषोत्तम क्यों?
जनश्रुति को ज्यादा जाना है।।
पुरुष त्याग सकता वह जन,
जहाँ प्रेम सूत्र से गुम्फित मन।
क्या अग्नि परीक्षा है उचित?
विश्वास जहाँ रहता अखण्ड।।
माना तुम जन अवतारी हो,
सारी माया पर भारी हो।
 पर न्याय नारी से कर न सके,
नारी की पीड़ा हर न सके।।
#पायल शर्मा, डूंगरपुर

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।