कीमत हाथों की

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sita gupta
केवल नियति नहीं है मानव,
सब कुछ कर्म का लेखा है |
पैरों से चलता हर कोई,
पर हांथ अलग कुछ करता है |

तूली पकड़ जब हाथ है चलता,
जीवन दर्शन होता है |
कलम लेखनी की ताकत को,
जनमानस ही पढ़ता है |

अनगढ़ माटी रूप है पाती,
दसों अंगुलियाँ चलने पर |
वाद्य भी सब झंकृत हो जाते,
वरद हस्त मिल जाने पर |

टूटी सांसे लौट हैं आती,
सही हाथ मिल जाने पर |
जीवन के रंग भरते रहते ,
हस्त लेख सही होने पर |
उँचाई पर वही पहुँचता,
जो कोई हाथ चलाता है |
वरना पैरों रहते हुए भी,
मानव वहीं रह जाता है |

श्रमबिंदु और हाथ के चलते,
भाग्य लिखा फिर जाता है |
पैरों से चलता हर कोई,
पर हांथ अलग कुछ करता है |

“हाथों की कीमत है मानव ”
वही नियति का लेखा है |
सच्चे कर्म तू ! कर ले मानव ,
तभी भाग्य कुछ देता है ||
#सीता गुप्ता दुर्ग छ. ग.

परिचय-
नाम – सीता गुप्ता
जन्मतिथि – 25-05-1957
वर्तमान पता –दुर्ग (छत्तीसगढ़)
राज्य- छ. ग.
शहर – दुर्ग
कार्यक्षेत्र – सेवानिवृत वरिष्ठ शिक्षिका एन. एम. डी. सी. लिमिटेड (बी. आई. ओ. पी. सी. से. स्कूल) किरन्दुल छ. ग.
विधा – काव्य लेखन
मोबाइल – 08839445051
प्रकाशन – वुमन आवाज के माध्यम से “ओस की बूँद “प्रथम काव्य संग्रह प्रकाशित, बैलाडीला की सर्जना पत्रिका में रचनाएँ प्रकाशित, शालेय एवं सामाजिक पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित, लक्ष्मी पब्लिकेशन की कुछ शिक्षक कवि 2में रचना प्रकाशित, एवं लोकजंग में रचनाएँ प्रकाशित.

सम्मान – “वुमन आवाज 2018का सम्मान “बैलाडीला क्षेत्र में इंटुक यूनियन द्वारा “बेस्ट टीचर्स अवार्ड “एवं अंतर्राष्ट्रीय महिला वर्ष 2016 के कार्यक्रम में यूनियन एस. के. एम. एस. द्वारा विशेष सम्मान.
उपलब्धियाँ – “ओस की बूँद “प्रथम काव्य संग्रह, पर्यावरण स्लोगन प्रथम पुरस्कृत बोर्ड नाम के साथ आज भीबैलाडीला की मुख्य सड़क पर स्थापित है —“एक बूँद से सजता है सीप में मोती…..

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।