परिचय :
पूर्ण नाम- बृजेश कुमार पाण्डेय
साहित्यिक उपनाम- ‘बृजकिशोर’
वर्तमान पता- ग्राम पोस्ट-परासी, तहसील- मनगवांजिला- रीवा, मध्य प्रदेशविधा- कविता (‘अन्तर्मन दर्पण’ प्रकाश्य), गीत, हाइकु, ग़ज़ल, कहानी, लघु कथाजन्म स्थान – इलाहाबाद, उ.प्र.शिक्षा- परास्नातक हिन्दी (इलाहाबाद विश्वविद्यालय)सम्प्रति- रीवा के शासकीय विद्यालय में अध्यापकसाहित्यिक परिचय–वर्तमान अंकुर पत्रिका” नोएडा में प्रकाशित रचनाएं- ‘पतवार शिथिल अब बँधी नांव’ और ‘वन्य जीवों की व्यथा’‘हिन्दी भाषा’ राष्ट्रीय पत्रिका में प्रकाशित ‘आँसू की दास्तां’ कविता‘विजय दर्पण’ मेरठ के ‘साहित्य दर्पण’ में प्रकाशित ‘शर निषंग तोड़ सकें’काव्य स्पंदन पत्रिका में अनेक रचनाएं प्रकाशित‘अमर उजाला’ पत्र के ‘काव्य स्तम्भ’ में कई रचनाएँ प्रकाशित।प्रमुख कविताएँ- अपराधी कैसे नाबालिग है, अनाथ बच्चों की पीड़ा, नारी ईश्वर की इच्छा है, किसानों की दुर्दशा, कितने अकेले हैं, कुछ अंजान चेहरे, मानवीय संवेदना हो गई है सुप्त, कलमुंही का सौंदर्य आदि।पाक्षिक ‘साहित्य सुधा’ में प्रकाशित कविता ‘नारी जीवन बन जाती है’प्रकाशित कहानियाँ- रिश्वत, समय रुकता नहीं, महत्त्वाकांक्षा आदिसम्मान- १. साहित्य संगम संस्थान दिल्ली द्वारा ‘श्रेष्ठ टिप्पणीकार’ सम्मान२. साहित्य संगम संस्थान दिल्ली द्वारा ‘सर्वश्रेष्ठ रचनाकार’ सम्मान३. साहित्य संगम संस्थान द्वारा पर्यावरण दिवस पर ‘पर्यावरण चेतना सम्मान’४. लोकबोली संवर्धन सम्मान (अवधी हेतु)५. मुक्तिबोध पर साहित्य सृजन हेतु सर्वश्रेष्ठ रचनाकार सम्मान