सत्ता-साम्राज्य से तंग जरूरत की बातें
उलझनों में है भाईचारे की बातें।
वादे-इरादे भूल गए याद रही बस
अपनी-अपनी सौगात की बातें।
मर्जी है न अर्जी है न खुशखबरी है
याद है बस बदला लेने की बातें।
मुक्कदर लड़ता नही रोजगार मिलता नहीं
चौक चौराहो पर सिर्फ आरक्षण की बातें।
दिल-फरेब,नकली कलेवर में
हो रही आधुनिकता की बातें।
कटुता से उत्पन्न समाजिक परिवेश में
कैसे हो शांति और भाईचारे की बातें।
चमचमाती इंडिया में भारत के गरीब
फुटपाथ पर ठिठुरते जीवन की बातें।
उलझनों मे भूल गये सब कहाँ बसेरा
विरासत, संस्कृति और स्वाभिमान की बातें।
“आशुतोष”
नाम। – आशुतोष कुमार
साहित्यक उपनाम – आशुतोष
जन्मतिथि – 30/101973
वर्तमान पता – 113/77बी
शास्त्रीनगर
पटना 23 बिहार
कार्यक्षेत्र – जाॅब
शिक्षा – ऑनर्स अर्थशास्त्र
मोबाइलव्हाट्स एप – 9852842667
प्रकाशन – नगण्य
सम्मान। – नगण्य
अन्य उलब्धि – कभ्प्यूटर आपरेटर
टीवी टेक्नीशियन
लेखन का उद्द्श्य – सामाजिक जागृति