मेरी दुनियाँ

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sandhya
मेरी दुनियाँ ये चंद लाइने और
चंद प्रकाशित कविता और कहानियां हैं।
बड़ी शिद्दत और लगन से सजोया है,
ये यादों का कारवां मैंने।
जानती हूँ, कल
कहाँ किसी के पास इतना समय होगा।
जो पलट कर कोई मेरी
कविता या कहानियां पढ़ेगा,
फिर भी मैं कुछ चंद किताबें और
 कुछ चंद प्रमाणपत्रों को अपनी जायदाद
की तरह सहेज कर रखती हूँ।
सोचती हूँ, कि कल
 जब मैं नही होगी इस जहां में,
कभी तो कोई मेरा अपना मुझे याद करेगा,
कभी तो कोई इन धूल से लिपटी हुई
मेरी किताबों को पोछकर,
शायद दो पल ही मुझे याद तो करेगा।
जानती हूँ ये मैं बहुत अच्छे से कि कल
कोई नही होगा जो कभी
मेरी कविता,गजल और कहानियों को पड़ेगा।
कोई नहीं होगा कभी जो ये कहेगा कि
हमारी माँ,बहन ,बीवी या बेटी भी
बहुत प्यारा लिखती थी।
ईश्वर ने उसे इस हुनर से नवाजा था।
कुछ किस्से कहानियों और कविताओं में
 उस ने खुद को बखूबी निखारा था।
 लेकिन कल जो कभी आता  ही नही ।
फिर भी कल के लिए ही क्यूँ जीते हैं लोग।
सिर्फ और सिर्फ एक पल की उस चाहत को
 तरसते हैं लोग और एक आस में ही तो
जीते हैं लोग।।
#संध्या चतुर्वेदी
मथुरा उप

matruadmin

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