इस दीवाली

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prabhanshu

प्रभॉशु

इस दीवाली

किसी घर के चौखट पर

अधेरा न रहें

किसी घर का कुलदीपक न बुझे

किसी घर के दरवाजे पर

एम्बुलेंस न हो

किसी घर के चूल्हे

में अंधेरा न हो

इस दीवाली

किसी अस्पताल के

आई.सी.यू में कोई मरीज

तड़पते हुए बाहर न आये

हे ईश्वर

इस दीवाली

किसी भिखारी के

हाथ खाली न जायें

कोई बेरोजगार खाली हाथ

घर न लोटे

किसी पत्नी के मॉग का सिन्दुर

आैर किसी मॉ की गोद सूनी न हो

इस दीवाली

किसी प्रेमी प्रमिका का

विलगाव न हो

किसी नवदंपत्ती का

विवाह विच्छेद न हो

आैर अगर विच्छेद हो तो

कश्मीर का पाकिस्तान से

मैं प्रार्थना करता हूं

इस दीवाली

हर घर,वन,उपवन,अस्पताल

दीपों की घटा हो

बस दीपों की घटा हो.

  #प्रभांशु कुमार

परिचयप्रभांशु कुमार, इलाहाबाद के तेलियरगंज में रहते हैंl जन्म १९८८ में हुआ है तथा शिक्षा एमए(हिन्दी) और बीएड हैl आपकी सम्प्रति शिक्षा अनुसंधान विकास संगठन(इलाहाबाद) में सम्भागीय निदेशक की हैl आपकी अभिरुचि साहित्य तथा निबंध में हैl आपकी प्रकाशित रचनाओं मेंख़ास तौर से आधुनिकता,खोजता हूं,वक्त और स्मार्ट सिटी ने छीन लिया फुटपाथ सहित काव्य संग्रह-मन की बात में प्रकाशित चार कविताएँ हैंl निबन्ध लेखन में राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में पुरस्कृत होने के साथ ही आकाशवाणी इलाहाबाद से कविताओं का प्रसारण भी हो चुका हैl  

matruadmin

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