एक हिन्दुस्तानी

0 0
Read Time2 Minute, 19 Second

aashutosh kumar
मैं हिन्दी हूँ
हिन्दुस्तान हूँ
मैं सबकी आवाज हूँ
उत्तर ,दक्षिण ,पूरब, पश्चिम
की शरहद नहीं
मैं कण- कण की पहचान हूँ
मैं हिन्दी हूँ
हिन्दुस्तान हूँ।

है इतिहास निराली अपनी
जो कभी न मिटने वाली
क्षेत्रवाद की बेड़ियो में
मै न जकड़ने वाली
राष्ट्र का प्रतीक हूँ
कहानियों कविताओ से
सब का मुरीद हूँ
मैं हिन्दी हूँ
हिन्दुस्तान हूँ।

मैं ही संस्कार हूँ
मैं सभ्यता की पहचान हूँ
लाख कोशिश की है
भुलाने की मुझको
फिर भी अपने स्थान पर
विराजमान हूँ
मैं हिन्दी हूँ
हिन्दूस्तान हूँ।

कोई जाति मजहब नहीं
राष्ट्र के मस्तक पर
राष्ट्रभाषा की चमक विखेर रहा
भटके हुए मुसाफिरों को
कहानी उपदेशों से
राह दिखाता हूँ
सम्हल कर शूरवीरो में
नाम दर्ज कर जाता हूँ
मैं हिन्दी हूँ
हिन्दुस्तान हूँ।

कितने आये और चले गये
सब मुझ पर आँख तरेर गये
सहनशक्ति की खान
हिन्दुस्तान की शान
फिर भी न मुझको अभिमान है
मैं हिन्द की पहचान हूँ
मैं हिन्दी हूँ
हिन्दुस्तान हूँ।

एक बार जो मुझको भाता
मैं उससे लिपट जाता
मुझमें डूबकर वो
मेरा हो जाता
ना अचम्भा ना निकम्मा
सबके लिए मै बना रहूँगा खंभा
मैं विरासत की धरोहर हूँ
मैं हिन्दी हूँ
हिन्दुस्तान हूँ।
       “आशुतोष”

नाम।                   –  आशुतोष कुमार
साहित्यक उपनाम –  आशुतोष
जन्मतिथि             –  30/101973
वर्तमान पता          – 113/77बी  
                              शास्त्रीनगर 
                              पटना  23 बिहार                  
कार्यक्षेत्र               –  जाॅब
शिक्षा                   –  ऑनर्स अर्थशास्त्र
मोबाइलव्हाट्स एप – 9852842667
प्रकाशन                 – नगण्य
सम्मान।                – नगण्य
अन्य उलब्धि          – कभ्प्यूटर आपरेटर
                                टीवी टेक्नीशियन
लेखन का उद्द्श्य   – सामाजिक जागृति

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

सम्पूर्ण जीवन को राष्ट्र-गंगा को समर्पित करने वाले जीडी अग्रवाल को नमन : विहिप 

Sat Oct 13 , 2018
नई दिल्ली. अक्टूबर 12, 2018. माँ गंगा के अनन्य भक्त व उसके गंगत्व के लिए सम्पूर्ण जीवन समर्पित करने वाले श्री जी डी अग्रवाल के देवलोक गमन पर विश्व हिन्दू परिषद् ने अपनी संवेदनाएं व्यक्त करते हुए उन्हें एक महान पर्यावरणविद, विचारक, वैज्ञानिक तथा सच्चा गंगा भक्त बताया है. अपनी […]

पसंदीदा साहित्य

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।