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कर वंदना तेरे चरणों में आज
आज्ञा दो परमात्मा जग के काज।
तेरा मेरा करते वय गयी अब तक
कुछ पल करलो वंदना बंद पलक
वन्दन उनका करो सब मिल कर आज
जो बचाये कुंवारी कन्या की
लाज॥
देश दुनियाँ में हो जो हे दयनीय उन्हे बनाओ सब मिल वंदनीय ।
वंदना उनकी भी करो आज
जो करे माँ बाप के सकल काज॥
गोविन्द से पहले गुरु वंदना
यही रहत सहज और सुज़ाना ।
कहे विजय कुछ करले बन्दे
जय जय कर भारत माँ वन्दे
जय जय कर भारत माँ वन्दे
*डॉ.विजय आचार्य*
बीकानेर
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