राष्ट्रीय कवि संगम का प्रांतीय अधिवेशन एवं कवि सम्मेलन सम्पन्न

0 0
Read Time3 Minute, 24 Second

राष्ट्रीय कवि संगम का प्रांतीय अधिवेशन एवं कवि सम्मेलन सम्पन्न

IMG-20180922-WA0038
जम्मू |राष्ट्रीय कवि संगम की जम्मू कश्मीर इकाई का प्रांतीय अधिवेशन आज के एल सहगल हाल, जम्मू में सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर राष्ट्रीय कवि संगम के माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगदीश मित्तल जी ने कार्यक्रम की अध्क्षता की जबकि जम्मू कश्मीर कला, संस्कृति एवं भाशा अकैडमी के अतिरिक्त सचिव डा अरविंद्र सिंह अमन मुख्य अतिथि थे। बरिश्ठ साहित्यकारा और जम्मू कश्मीर हिन्दी अकादमी और राष्ट्रीय कवि संगम जम्मू कश्मीर की संरक्षिका श्रीमती नीरू शर्मा, श्री भूपेंद्र कौशिक जी, संस्थापक ट्रस्टी राष्ट्रीय कवि संगम, श्री ओ. पी. शर्मा जी, अध्यक्ष जम्मू कश्मीर सैंटर फार क्रिएटिव आर्टस इस अवसर पर सम्माननीय अतिथि थे। श्री केवल कुमार केवल ने सभी अतिथियों का विधिवत स्वागत् किया।
प्रथम सत्र में विचार मंथन, चर्चा परिचर्चा, अथिथियों के वक्तव्यों एवं सम्मान समारोह के साथ सम्पन्न हुआ। इसमें बशिष्ट अथतिथियों को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर यशपाल निर्मल को हाल ही में साहित्य के क्षेत्र में योगदान के लिए मुन्शी प्रेमचंद साहित्य सम्मान 2018 से सम्मानित होने पर संगम की ओर से अभिनंदन और सम्मान किया गया।
दूसरे सत्र में कवियों ने अपनी कविताएं सुनाई। कवि गोश्ठी में भाग लेने वाले कवियों में मनोहर विजय (लुधियाणा), सर्वेश मिश्रा (वाराणसी), धर्मपाल शर्मा (रियासी), मोहिंदर शर्मा (भांबला) ओ पी शाकिर, रत्न भारद्वाज, रशपाल वर्मा, केवल कुमार केवल (अखनूर), यशपाल निर्मल (छम्ब-ज्यौड़ियां), सुनील मनी (कठुआ), बलराम सैनी (हरियाणा), नीरू शर्मा, प्यासा अंजुम, विद्या रत्न आसी, शाम तालिब, विनोद कुमार, भगवती देवी, प्रो राज कुमार, मंजीत सिंह कामरा , जंग वर्मन, नीलम वर्मा, अमनप्रीत कौर, ईशा बल्गोत्रा, नम्रता देवी, योगिता बख्शी, संदीप सैंडी, तरुण शर्मा, ममता शर्मा, महाराज कृष्ण बफादार, सोनिया उपाध्याय, बिंदिया रैना टिक्कू, लोकेश चंद्र (जम्मू) और डा रत्न बसोत्रा (बिलावर) प्रमुख थे।
तीसरे सत्र में सभी कवियों को सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का संचालन यशपाल निर्मल ने किया। और धन्वाद प्रस्ताव केवल कुमार केवल ने प्रस्तुत किया।

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

जनता के लिए जिस कवि ने सत्ता को सिंहासन खाली करने कहा

Sun Sep 23 , 2018
जनता के लिए जिस कवि ने सत्ता को सिंहासन खाली करने कहा स्वतंत्र भारत में, वीर-रस, प्रगति चेतना और जन-चेतना को लेकर जो कविताई हिंदी के ‘दिनकर’ ने की वह अन्यतम है। वे लिखते हैं : “गौरव की भाषा नयी सीख, भिखमंगों की आवाज बदल ! सिमटी बाँहों को खोल […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।