#दिवाकर
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स्कूल जा रहे एक बच्चे का बस्ता
मासूम सा बचपन और इतना सस्ता
बच्चा टेंसन में है फिर भी जा रहा है
उसे शिक्षक में गुरु नहीं यमराज नजर आ रहा है …
और गुरु भी बिल्कुल गुरु है
कुछ पूछने से पहले ही ठुकाई शुरू है
उसे बच्चों को पढ़ाने की नहीं, दाल रोटी चलाने की चिंता है
दो जवान बेटियों का बाप, प्राइवेट नौकरी और उसपर भी उसे तगड़ा रिजल्ट दिखाने की चिंता है ।
बूढ़ी माँ के आखों की दवाई
जो पिछले महीने खत्म हुई पर अब तक न आई
बाप की बीड़ी भी अब उसे भारी लगती है
तुम्हे पता है हुजूर ये गरीब की जिंदगी कैसे चलती है ?
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