कलम तो एक जरिया है

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sandhya

कलम तो एक जरिया है,
दिल के दर्द जताने का।
असल मे हर्फों में बयां हो जाये वो हम नही है।
जन्मो लगेंगे तुम्हे हमे समझने में।
बहुत आसानी से कह देते हैं लोग,
भूल जाओ पुरानी बातों को।
क्या रखा है बीती बातों में।
नही समझते कि वो हर लम्हा
हर पल कैसेे घुट घुट के जीया होगा।
सौ बार मरने से पहले मौत को मैने महसूस किया होगा।
टूट के बिखरी थी कई बार जिंदगी मेरी।
कैसे टूटे दिल को फिर मैंने सीया होगा।
ना समझोगे तुम वो दर्द को,
जो महसूस  किया था मैंने।
कितना रोया था ये दिल
जब पहला जख्म तुम ने दिया था।
अब तो आदत सी हो गयी है मुझे सहने की,
मोम की जो गुड़ियाँ कभी हुआ करती थी।
आज वो पत्थर की मूरत हो गयी हैं।
दोस्तों से दूर रह अपने जख्म को छुपाने लगी है।
देखो जो खुल के जीने की सीख देती थीं
कभी सब को।
आज कितना बनावटी सा जीने लगी है।
डरती है कि कहीं कोई गलती से भी मेरे जज्बातों को ना पढ़ ले कही।
इसलिए थोड़ा बहुत रोमांटिक से भी दिखने का अभिनय बखूबी से कर लेती हूँ।
दोस्तो के बीच जम के हँस लेती हूँ।
कितना भी पूछे कोई,
बातो को बातो से बदल देती हूँ।
दर्द इस तरह अपने छुपा लेती हूँ।
कलम के सहारे कुछ राज दिल के उकार लेती हूँ।
उभर आते हैं जब जज्बातों के गुबार दिल से।
कुछ लिख के दर्द बाँट लिया करती हूँ।
एक नन्ही सी कलम हूँ, फिर भी
जिंदगी का बोझ उठा लिया करती हूँ।

संध्या चतुर्वेदी
मथुरा उप

matruadmin

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।