जाने जां तुम कमाल करती हो, बात भी बेमिसाल करती हो। जाने क्या ऐसी खता हुई हमसे, मेरा जीना बेहाल करती हो। रोज आती हो तुम ख्यालों में, नींद काहे बेकार करती हो। जबसे देखा है हमने तुमको यूँ, नजरों से क्यों सवाल करती हो। सार्थक दौर है ये कुछ […]

लोकतंत्र की माँग है,सकल देश हो एक, जनप्रतिनिधि सेवक बने,जाग्रत रखें विवेक। जनसेवक को क्यों मिले,नेता भत्ता आज, आम आदमी बन रहे,क्यों आती है लाज ? दल-दलबंदी बंद हो,हो न व्यर्थ तकरार, राष्ट्रीय सरकार हो,संसद जिम्मेदार। देश एक है,प्रान्त हैं,अलग-अलग पर संग, भाषा-भूषा-सभ्यता,भिन्न न दिल हैं तंग। निर्वाचन हो दल […]

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मेरा शहर न अब मेरा है, गली न मेरी रही गली है। अपनेपन की माटी गायब, चमकदार टाइल्स सजी है। श्वान-काक-गौ तकें,न रोटी मृत गौरैया प्यास लजी है। सेंव-जलेबी-दोने कहीं न, कुल्हड़-चुस्की-चाय नदारद। खुद को अफसर कहता नायब, छुटभैया तन करे अदावत। अपनेपन को दे तिलांजलि, राजनीति विष- बेल पली […]

वे वे अमीर हैं, रहने दो उन्हें अमीर करदो कैद उन्हें उनकी अमीरी के साथ। मत घूमो उनके चारों ओर उनकी पानी,कोक,बीयर, व्हिस्की की पुकार को गूंजने दो। अमीरी के महल में, पड़ी रहने दो खाली बोतलें, गंदे चादर, झूठी प्लेंटे,घूरा बनी डाइनिंग, जमीन पर सफेद और लाल दाग बने […]

हिन्द और हिन्दी की जय-जयकार करें हम, भारत की माटी,हिन्दी से प्यार करें हम l भाषा सहोदरी होती है,हर प्राणी की, अक्षर-शब्द बसी छवि,शारद कल्याणी की.. नाद-ताल,रस-छंद,व्याकरण शुद्ध सरलतम, जो बोले वह लिखें-पढ़ें, विधि जगवाणी की.. संस्कृत सुरवाणी अपना, गलहार करें हमl हिन्द और हिन्दी की,जय-जयकार करें हम, भारत की माटी,हिन्दी से प्यार करें हमl असमी,उड़िया,कश्मीरी,डोगरी,कोंकणी, […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।