तो चलूं…

0 0
Read Time1 Minute, 29 Second

ramesh

शहीदों पर लरजता दिल संभालूं तो चलूं,
अश्रु उनके परिजन के छुड़ा लूं तो चलूं।

अपनों में कई रंग भाते नहीं ‘निर्झर,
सबको इक रंग में रंग लूं तो चलूं।

अबकी होली कुछ इस तरह मनाई जाए,
भ्रष्टाचार उन्मुक्तता होली में जलाया जाए।

हो रहे बदरंग रिश्ते ‘निर्झर’ इस संसार के,
प्रेम के इक रंग में सब जग को रंगाया जाए।

फिर नई सौगात ले रंगीली होली आई है,
रंगों की उमंग संग नबेली होली आई है।

टेसू भये हैं लाल,अंबर उड़ रही गुलाल,
छोड़ छल कपट मलाल संदेशा होली लाई है।

बिना खाए पान अधर यूं लाल करते हो,
बिना रंग लोगों के गुलाबी गाल करते हो।

नज़र नीची भवें तिरछी अधर हल्के लहराए,
बिना शब्दों के बतियाते ‘निर्झर’ कमाल करते हो।

#रमेश शर्मा ‘निर्झर’

परिचय  : रमेश शर्मा ‘निर्झर’ चांदामेटा निवासी हैं तथा बैंक आॅफ महाराष्ट्र परासिया में सेवारत हैं। गद्य व पद्य दोनों लेखन में रुचि है। वर्तमान में श्रीमद् भागवद्गीता का पद्यानुवाद राधेश्याम धुन में पूर्ण कर चुके हैं।

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

बात करें हम बचपन की..

Tue Mar 14 , 2017
हंसते पल में लगते रोने, प्यारे इनको खेल-खिलौने.. करते सब पर जादू टोने, ऐसे प्यारे बचपन की.. बात करें हम बचपन की, प्यारे-न्यारे बचपन की। गिल्ली-डंडा और कबडडी, कोई अव्वल कोई फिसडडी.. मोटा-तगड़ा या हो हडडी, ऐसे अनोखे बचपन की.. बात करें हम बचपन की, प्यारे न्यारे बचपन की। जोजफ,जुम्मन […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।