किसी से प्यार मिले-न मिले,
नफरत नहीं चाहिए..
जिन्दगी के इस सफर में
प्यार मिलना चाहिए।
जीवन साथी जो मिले,
विश्वाश होना चाहिए..
गाड़ी के दो चक्के हैं,
साथ चलना चाहिए।
जिन्दगी में सब मिले,
नफरत न होना चाहिए..
सुख में भी और दुःख में भी
एकसाथ चलना चाहिए।
कदम-से-कदम मिलाकर,
साथ जो चल सके..
जीवन साथी बस वही,
जिन्दगी में चाहिए।
#अनन्तराम चौबे
परिचय : अनन्तराम चौबे मध्यप्रदेश के जबलपुर में रहते हैं। इस कविता को इन्होंने अपनी माँ के दुनिया से जाने के दो दिन पहले लिखा था।लेखन के क्षेत्र में आपका नाम सक्रिय और पहचान का मोहताज नहीं है। इनकी रचनाएँ समाचार पत्रों में प्रकाशित होती रहती हैं।साथ ही मंचों से भी कविताएँ पढ़ते हैं।श्री चौबे का साहित्य सफरनामा देखें तो,1952 में जन्मे हैं।बड़ी देवरी कला(सागर, म. प्र.) से रेलवे सुरक्षा बल (जबलपुर) और यहाँ से फरवरी 2012 मे आपने लेखन क्षेत्र में प्रवेश किया है।लेखन में अब तक हास्य व्यंग्य, कविता, कहानी, उपन्यास के साथ ही बुन्देली कविता-गीत भी लिखे हैं। दैनिक अखबारों-पत्रिकाओं में भी रचनाएँ प्रकाशित हुई हैं। काव्य संग्रह ‘मौसम के रंग’ प्रकाशित हो चुका है तो,दो काव्य संग्रह शीघ्र ही प्रकाशित होंगे। जबलपुर विश्वविद्यालय ने भीआपको सम्मानित किया है।