शौर्य और पराक्रम की पहचान है चंबलघाटी,
बीहड़ों के सौंदर्य वाली प्रसिद्ध है चंबलमाटी |
आकर्षक कलाक्रतियाँ बिखेरती चंबल,
धरापुत्र के हृदय को गुदगुदाती चंबल |
ऐतिहासिक है मुस्कराती चंबल की कहानी,
बड़ा निर्मल-शीतल अमृत सा चंबल का पानी |
प्राचीन सभ्यता को समेटे चलचित्र सी चंबल,
उमंग-उत्साह से हरदम लबालब रहती चंबल |
नित कल-कल बहती, दामन में कुछ घाव लिए चंबल,
खेत, गाँव, जंगल, जीव-जन्तु सबको सँवारती चंबल |
प्राकृतिक संसाधन बहुतेरे हैं हमारी चंबलघाटी में,
संरक्षित हो चंबल क्षेत्र, स्वर्ण भरा है चंबलमाटी में |
ऊँच-नीच की सब दीवारें अब तोड़ चुकी चंबल,
सभ्य समाज की निर्मलधारा लेकर आई चंबल |
आओ साथी अपनी चंबल संस्कृति को समझें,
मानव हैं हम, जाति-धर्म, मजहब में न उलझें |
शौर्य और पराक्रम की पहचान है चंबलघाटी,
बीहड़ों के सौंदर्य वाली प्रसिद्ध है चंबलमाटी |
मुकेश कुमार ऋषि वर्मा
फतेहाबाद, आगरा (उत्तरप्रदेश)