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भारत माँ के वीर पुत्र, त्याग की साक्षात् मूर्ति श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी को कुछ मौन से शब्दों में भावपूर्ण श्रद्धांजलि
हे भारत के भाग्य विधाता
तेरा वैभव अमर रहेगा
हे परमाणु के वर दाता
तेरा साहस निडर रहेगा
मौन रहा मृत्यु का सागर
जब तक सांसें अटल रही
हे भारत माँ के भीष्म पुत्र
ये इच्छा मृत्यु जटिल रही
ये समर कहे अपने ही वेग से
ये ज्योति नही बुझने देना
और वेग कहे अपने विवेक से
ये दिया अभी जलने देना
जब काल निशा की लालिमा
उनके माथे पर तिलक करे
तब सुन मृत्यु की हे देवी माँ
उनकी आँखो पर घृतलेप करे
मानो अपनी भारत माँ ने
किताब ग्रंथ की बन्द है की
अटल शक्ति से उड़ने वाले
यान – गति कुछ मंद है की
है भारत माँ के सच्चे सिपाही हे भारत के दिव्य रत्न आज से ही अपने प्रत्येक संघर्षों में आपको स्मरण रखने का संकल्प लेता हूँ …
#रजनीश दुबे’धरतीपुत्र'
परिचय : रजनीश दुबे’धरतीपुत्र'
की जन्म तिथि १९ नवम्बर १९९० हैl आपका नौकरी का कार्यस्थल बुधनी स्थित श्री औरोबिन्दो पब्लिक स्कूल इकाई वर्धमान टैक्सटाइल हैl ज्वलंत मुद्दों पर काव्य एवं कथा लेखन में आप कि रुचि है,इसलिए स्वभाव क्रांतिकारी हैl मध्यप्रदेश के के नर्मदापुरम् संभाग के होशंगाबाद जिले के सरस्वती नगर रसूलिया में रहने वाले श्री दुबे का यही उद्देश्य है कि,जब तक जीवन है,तब तक अखंड भारत देश की स्थापना हेतु सक्रिय रहकर लोगों का योगदान और बढ़ाया जाए l
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Fri Aug 17 , 2018
मैं पैदा इंसान अवश्य हुआ पर शूद्र होना ही मेरी नियति थी सवर्ण समाज से मेरी व्यथित विसंगति थी इतिहास दर इतिहास काल-कलुषित सर्वथा मेरी तिथि थी एकलव्य,कर्ण, चंद्रगुप्त के विजयध्वजों पे भी अपमान की कई सदियों बीती थी किसने अपने स्वेदों में भी शूद्रों को हिस्सा माना है घर,बर्तन,कुएँ, […]