दिलों की मिठास को छू लें

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rajiv kumar das

नफ़रत नहीं दिलों की मिठास को छू लें

आओ कि आकाश को छू लें

बेदर्द सा जीने की गुज़ारिश न कर कोई

ऑक्सीजन के मोहताज को छू लें

उसके हुनर पे जल-जल बैठने से अच्छा

कभ जीत की उल्लास को छू लें

मन ताज़ा हो बग़ीचा में टहलकर सुबह

अछूत का बच्चा उदास को छू लें

अच्छा नहीं निकलना मुँह देखकर तुम्हारा

पाखण्ड के सताए खरमास को छू लें

परिंदे जात भूल जाते हैं विमान देखकर

आओ कि आकाश को छू लें

ना मज़हब होता ना दिलों से दूरियाँ अगर

थोड़ा-थोडा बर्दाश्त को छू लें

लूटा दिए हैं जुए में सारे मोहरे अब तक

कभी दिल जीतने की ताश को छू लें

ज़माने से बेख़बर को भी सपने दिखाया कर

आओ कि आकाश को छू लें

नाम:राजीव कुमार दास

पता: हज़ारीबाग़ (झारखंड) 

सम्मान:डा.अंबेडकर फ़ेलोशिप राष्ट्रीय सम्मान २०१६

गौतम बुद्धा फ़ेलोशिप राष्ट्रीय सम्मान २०१७

पी.वी.एस.एंटरप्राइज सर्वश्रेष्ठ रचनाकार सम्मान १४/१२/२०१७

शीर्षक साहित्य परिषद:दैनिक श्रेष्ठ रचनाकार सम्मान १५/१२/२०१७

काव्योदय:सर्वश्रेष्ठ रचनाकार सम्मान:०१/०१/२०१८,०२/०१/२०१८,०३/०१/२०१८३०/०१/२०१८,०८/०५/२०१८

आग़ाज़:सर्वश्रेष्ठ रचनाकार सम्मान:२५/०१/२०१८

एशियाई साहित्यिक सोसाइटी सम्मान:१७/०३/२०१८,१६/०४/२०१८,१६/०५/१८

श्री राधेकृष्ण पब्लिकेशन:चित्रपाठी अलंकरण सम्मान:२३/०४/२०१८

उड़ान:सर्वश्रेष्ठ रचनाकार सम्मान:११/०७/२०१८

प्रकाशन:

शब्द अभिव्यक्ति:’नई उड़ान’:वाल्यूम ०१,०२,०३में कविताएँ व अन्य रचनाएँ प्रकाशित।

नये पल्लव:०४ में तीन कविताएँ

काव्यसागर डाट काम:०९ ग़ज़ल

काव्यसागर डाट काम(यू ट्यूब):तीन कविताएँ

आकाशवाणी हज़ारीबाग़ झारखंड:०४ कविताएँ

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।