क्या आप जानते हैं हिन्दी से संबंधित अनूठी जानकारियाँ…?
यहाँ पर हिन्दी से सम्बन्धित सबसे पहले साहित्यकारों, पुस्तकों, स्थानों आदि के नाम दिये गये हैं।
- हिन्दी में प्रथम डी. लिट् — डॉ. पीताम्बर दत्त बड़थ्वाल
- हिन्दी में प्रथम एमए — नलिनी मोहन सान्याल (वे बांग्लाभाषी थे।)
- भारत में पहली बार हिन्दी में एमए की पढ़ाई — कोलकाता विश्वविद्यालय में कुलपति सर आशुतोष मुखर्जी ने 1919 में शुरू करवाई थी।
- विज्ञान में शोध प्रबंध हिन्दी में देने वाले प्रथम विद्यार्थी — डॉ. मुरली मनोहर जोशी
- अन्तरराष्ट्रीय संबन्ध पर अपना शोध प्रबंध लिखने वाले प्रथम व्यक्ति — डॉ. वेद प्रताप वैदिक
- हिन्दी में बी.टेक. की प्रोजेक्ट रिपोर्ट प्रस्तुत करने वाले प्रथम विद्यार्थी : श्याम रुद्र पाठक (सन् १९८५)
- डॉक्टर ऑफ मेडिसिन (एमडी) का शोध प्रबन्ध पहली बार हिन्दी में प्रस्तुत करने वाले — डॉ० मुनीश्वर गुप्त (सन् १९८७)
- हिन्दी माध्यम से एल.एल.एम. उत्तीर्ण करने वाला देश का प्रथम विद्यार्थी — चन्द्रशेखर उपाध्याय
- प्रबंधन क्षेत्र में हिन्दी माध्यम से प्रथम शोध-प्रबंध के लेखक — भानु प्रताप सिंह (पत्रकार) ; विषय था — उत्तर प्रदेश प्रशासन में मानव संसाधन की उन्नत प्रवत्तियों का एक विश्लेषणात्मक अध्ययन- आगरा मंडल के संदर्भ में
- हिन्दी का पहला इंजीनियर कवि — मदन वात्स्यायन
- हिन्दी में निर्णय देने वाला पहला न्यायधीश — न्यायमूर्ति श्री प्रेम शंकर गुप्त
- सेंट्रल लेजिस्लेटिव असेंबली में हिन्दी के प्रथम वक्ता — नारायण प्रसाद सिंह (सारण-दरभंगा ; 1926)
- लोकसभा में सबसे पहले हिन्दी में सम्बोधन : सीकर से रामराज्य परिषद के सांसद एन एल शर्मा पहले सदस्य थे जिन्होंने पहली लोकसभा की बैठक के प्रथम सत्र के दूसरे दिन 15 मई 1952 को हिन्दी में संबोधन किया था।
- हिन्दी में संयुक्त राष्ट्र संघ में भाषण देने वाला प्रथम राजनयिक — अटल बिहारी वाजपेयी
- हिन्दी का प्रथम महाकवि — चन्दबरदाई
- हिन्दी का प्रथम महाकाव्य — पृथ्वीराजरासो
- हिन्दी का प्रथम ग्रंथ — पुमउ चरउ (स्वयंभू द्वारा रचित)
- हिन्दी का पहला समाचार पत्र — उदन्त मार्तण्ड (पं जुगलकिशोर शुक्ल)
- हिन्दी की प्रथम पत्रिका
- सबसे पहला हिन्दी आन्दोलन : हिन्दी भाषी प्रदेशों में सबसे पहले बिहार प्रदेश में सन् 1835 में हिंदी आंदोलन शुरू हुआ था। इस अनवरत प्रयास के फलस्वरूप सन् 1875 में बिहार में कचहरियों और स्कूलों में हिंदी प्रतिष्ठित हुई।
आगे भी जारी ….