राज्य+नीति…..?

0 0
Read Time3 Minute, 21 Second

cropped-cropped-finaltry002-1.png

हर जगह बात बात पर राजनीतिक बाते इस तर्ज़ पर तजुर्बा दिखाती हैं कि प्रतीत होता है कि हम सब से बड़ा राजनीतिज्ञ शायद ही कोई हो।

हम निर्णय भी लेते है और परिणाम भी घोषित करते है और यहाँ तक कि जो वास्तविक राज्यनीतिज्ञ है वो भी हमसे कम सोचते है क्योंकि हमारे पास अत्यधिक फुर्सत है राज़नीतिक मुद्दों पर बात करने की।

लोग तो इस कदर सत्ता धारियों पर शंका करने लगे है कि हर सत्ताधारी उन्हें देश को गर्त में ले जाने वाला लगता है ।

अब क्या करे किसे चुने और क्यों चुने क्या गारंटी है कि जिसे हम चुनेंगे वो देश को चांद पे ले जाएगा।

और अहम बात तो ये है कि हमने इस देश के विकाश में क्या योगदान दिया क्या कुर्सी पर बैठा राजनेता ही देश के विकाश की डोर को सम्भालेगा या फिर हम भी कुछ करेंगे देश के लिए।

कई मुद्दे है जिन पर लोगों की चौपाल दिन में हर घण्टे बर्तालाप के लिए  तैयार रहती है।

क्योंकि उनके पास समय की कोई कमी नही है हा अगर कोई देश के प्रति काम हुआ तो फिर उनका प्रोटोकाल देश के राष्ट्रपति के जैसा है 1 महीने पहले से हर घण्टे का व्यस्त शेड्यूल होता है ।

पर वास्तव में नेता को दोषी ठहराना देश के प्रति खरी ईमानदारी नही होती क्योंकि अकेला नेता देश को ऊंचाइयों पर नही ले जा सकता उसके लिए नेता को प्रजा का सहयोग चाहिए होता है

परन्तु प्रजा तो बुराइयों में मशगूल है उसे तो घंटो पेट्रोल के बढ़ते दामो पर डिबेट करना है और साबित करना है कि देश को चलाना नेताओ के वश की बात नही है।

वैसे एक बात तो है जो देश को बखूबी चलाने की कसमें खाते है वो खुद अपना घर अच्छे से नही चला पाते।

देश के प्रति अपनी ईमानदारी को बाहर आने दीजिये खुद के फायदे से ऊपर उठ कर कुछ देश के लिए समर्पित भी कीजिये न गलत करिये न आसपास गलत होने दीजिए फिर डॉलर भी रुपया के बराबर हो जाएगा और गरीबी भी हट जाएगी।

कोसने से यदि सब सही हो जाता तो वास्तव में हम सब शायद चाँद में पैदा होते क्योंकि हमारे पूर्वजों ने भी सिर्फ कोसा ही है देश के नेताओ को ।

अब भी कुछ विशेष बिगड़ा नही है बस मन में ठानने की देर है।

कुछ तो देश के प्रति ऐसा करे जिससे मन को शांति मिले और सर भी गर्व से उठा रहे।

नाम- कमल नयन मिश्रा

पता – रीवा मध्यप्रदेश

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

" ये कैसी आज़ादी " 

Tue Aug 14 , 2018
 बरस बीते आज़ाद हुए पर,      ख़्याल अभी तक ग़ुलाम बने हैं ।  आज़ाद मुल्क के बाशिंदे हम,        क्यों राम, रहीम, सतनाम बने हैं ।।  ज़ात-पात में बांटा ख़ुद को,        क्यों धर्म के ठेकेदार बने हैं ।  मुल्क़ को समझें अपना घर,   […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।