वतन से हमको भी यारा,
मोहब्बत है मोहब्बत है ।
ये जन्नत से भी ज्यादा,
खूबसूरत है खूबसूरत है।
यहाँ सावन की मस्ती है,
यहाँ जड़ों की ठण्डक है।
यहाँ बारिश की रिमझिम है,
यहाँ मस्ती हर वक्त रहती है।
यहाँ पंक्षी चहकते हैं,
यहाँ कोयल कूकती है।
यहाँ पर्वत की वादियां हैं,
यहाँ नदियाँ बहकती हैं।
ये देश है अपना ,
ये जन्नत से भी प्यारा है,
ये तीन रंगों का,
तिरंगा जाँ से प्यारा है।
वतन से भीहमको यारा
मोहब्बत है मोहब्बत है।
ये जन्नत से भी ज्यादा
खूबसूरत है खूबसूरत है।
यहाँ पनघट की मस्ती है,
यहाँ गगरी छलकती है।
यहाँ बागों की मस्ती है,
यहाँ चाहत छलकती है।
यहाँ हर हिन्दू मुस्लिम है
यहाँ हर मुस्लिम हिन्दू है।
यहाँ हर सिक्ख में भी
इन्शानियत छलकती है।
वतन से हमको भी यारा
मोहब्बत है मोहब्बत है।
ये जन्नत से भी ज्यादा,
खूबसूरत है खूबसूरत है।
#विपिन कुमार मौर्या