जूठन, कभी नहीं

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anupa harbola

गुंजन की दो दिन पहले ही शादी हुई है, सारे मेहमान जा चुके हैं, आज सिर्फ घर के ही लोग हैं। दोपहर का समय है। डायनिंग टेबल  से गुंजन के सास ससुर ,जेठ और पति खाना खा कर उठ जाते हैं और जूठी प्लेट को वहीं छोड़ देते हैं। ये देखकर गुंजन को थोड़ा अजीब लगता है, पर चुपचाप वो प्लेट उठाने लगती है।

“अरे! रहने दो वहीं और अपना खाना लगा लो रिंकू (गुंजन का पति) की प्लेट में” उसकी जेठानी बोली। गुंजन को ये अटपटा और अजीब लगा,  वो कुछ नहीं बोली। जेठानी सास  ससुर की प्लेट उठा कर किचन में रख देती है, और खुद के लिए खाना अपने पति की प्लेट में डालती है। जब गुंजन ऐसा करने से मना करती है तो पास बैठी सास बोलती है। “क्यों री ! क्यूं नहीं खाएगी, तू लल्ला की थाली में, पति की जूठी थाली में खाने से प्यार बढ़ता है, कोई नई बात ना है ये,सभी खाते हैं”।
गुंजन चुपचाप जा कर अपने लिए दूसरी थाली लेकर खाना अपने लिए लगाती है। सास ये देखकर गुंजन पर गुस्सा  करती है, तो गुंजन भी खुलकर प्रतिकार करती है। काफी कहा सुनी होती है। जेठानी बीच बचाव की कोशिश करती है पर दोनों किसी नहीं सुनते। हल्ला सुन कर ससुर जेठ और उसके पति बाहर आते हैं, तीनो के पास कोई भी उत्तर नहीं है।

अनूपा हर्बोला

विद्यानगर(कर्नाटक)

matruadmin

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आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।