लौट आओ ना

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aparna thapaliya

खिडकी से दिखता
छायादार पेड अब भी वहीं खडा है
वह हरा भी है
और उसकी शाख पर
झूला भी पडा है
परन्तु हृदय व्यथित है
सुबह सवेरे गोरैया का कलरव नहीं
कान में गिलहरियों का
कट कट कट कट स्वर पडा है
हैरान हूँ सब कहाँ गुम हो गई ं
उनकी चहचहाहट वाली
मंगल ध्वनि कहीं खो गई
विधाता की इस अनमोल देन की
क्षति देख ,हृदय में शूल सा गडा है
खिडकी से दिखता
वो हरा पेड तो वहीं खडा है
लेकिन पत्ते उदास से लगते हैँ
फूल भी हताश से दिखते हैं
शाखों पर उनके बीच फुदकता
नगीना अब वहाँ नहीं जडा है
पेड से उतर उतर वो गौरैया
मेरे एक दम करीब तक आ जाती थी
पास बिखरे दाने चुनने में
जरा भी नहीं लजाती थी
अब सीलिंग के छेद में
बना घोंसला नितांत उजडा है
बिखर गये हैं तिनके
मन को गहरी उदासी ने जकडा है
लौट आओ प्यारी गौरैया
अपना आशियाँ वापस सजाओ ना
मेरा सूना आँगन आज भी
इसी आस में खुला पडा है
खिडकी के बाहर वाला पेड भी
तेरे इंतजार में बाहें पसारे खडा है
हमेशा के लिए तेरे खो जाने के डर से
हम सबके चेहरों का रंग उडा है
प्यारी गौरैया वापस लौट आओ ना
खिडकी से दिखता हरा भरा पेड
अब भी वहीं खडा है ।।।।।

#अपर्णा थपलियाल “रानू”

नाम:-अपर्णा थपलियाल “रानू”
अभिरुचि:-लेखन (कविता,लघु कथा,लेख,संसमरण इत्यादि)
जन्म स्थान:- देहरादून
पता:- गाजियाबाद(उत्तरप्रदेश)

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।