दरिया बहती…
बढ़ती जाती…
पल-पल एहसास कराती,
नदियों से मिल..
खिल लहरों से,
नव सागर एक दीप्त बनाती…।
कभी थमना तो,तेज बहते जाना…
जीवन का खेल सिखाती
मुस्कुरा खुशियों से..
गमों में यूँ गुनगुना,
कल..आज-कल…
क्या हुआ,अब होगा क्या..?
अनुरागी-वैरागी मन…
रचती जन्म-जन्मान्तर…
जागृत पुण्यों को करती।
रागिनी बन दिल की रीत,
प्रीत संदेश नगरी बरसे…
तेरी यादों में हम तरसे,
दिशा समय हमें बताती…
नव कलियाँ खिलकर भाती।
वर्ष नया रसवन्ती धारा…
उदास क्षण तू न आना,
गौधूली बेला बन खिल-खिल आना..।
#उमा मेहता त्रिवेदी
परिचय : इंदौर में रहने वाली श्रीमति उमा मेहता त्रिवेदी ने एमएससी और बीएड किया हुआ है। कई पत्र-पत्रिकाओं में आपके लेख,ग़ज़ल और रचनाएँ प्रकाशित होती हैं। आपको भारत के प्रतिभाशाली &गौरवशाली साहित्यकार पुरस्कार ‘अमृत सम्मान’ से और कृति प्रकाशन से भी सम्मानित किया गया है। अब तक चार साझा संग्रह प्रकाशित हो गए हैं। आपको ८० प्रतिशत रचनाएँ,लेख एंव ग़ज़ल के साथ ही गाने और व्यंग्य भी लिखने का शौक रखती हैं। लिखना और पढ़ना इनकी उपासना ही नहीं, वरन पसंद भी है। कई वेबसाईट पर भी इनकी रचनाएँ प्रकाशित होती रहती हैं।