योग भगाए रोग,
रखे निरोग।
योग शरीर, मन और आत्मा को रखता जोड़,
यही जीवन का निचोड़,
इसलिए योग अपनाओ।
योग का गौरवमयी इतिहास,
प्राकृतिक पद्धति से देता लाभ,
योग से मन की वृत्तियों पर रहता नियंत्रण,
जीवन मे लाता सकारात्मक परिवर्तन,
इसलिए योग अपनाओ।
योग शरीर को देता उत्तम आकार,
जवानी को रखता बरक़रार,
योग शरीर एवं मन के लिए वरदान,
करता मानवता का कल्याण,
इसलिए योग अपनाओ।
योग तनाव को रखता दूर,
नींद भी आती भरपूर,
शरीर में ‘प्राण वायु’ का होता संचार,
योग से लाभान्वित हो सारा संसार,
इसलिए योग अपनाओ।
योग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता,
बीमारियों के प्रकोप से बचाता,
योग जीवन को बेहतर बनाने की पद्धति,
शरीर को मिलती ऊर्जा एवम शक्ति,
इसलिए योग अपनाओ।
योग जीवन के लिए है प्रकाश,
उतना चमके जितना करो अभ्यास,
यह है जीवन जीने की कला,
शरीर को रखे स्वस्थ,
जो परमात्मा से दे मिला,
इसलिए योग अपनाओ।
योग है जीवन का उत्तम अनुभव,
योगक्रियाओं से समझो इसका मतलब,
हर समस्या को योग से करो पार,
योग जो करता वो सच्चा कलाकार,
इसलिए योग अपनाओ।
योग मानसिक एवं आत्मिक शांति का स्त्रोत,
ऊर्जा से कर देता ओत प्रोत,
योग एक धर्म नहीं, योग है विज्ञान,
कह गए बड़े-बड़े विद्वान,
इसलिए योग अपनाओ।
#सुनीता बहल
नाम- सुनीता बहल
राज्य – हरियाणा
शहर- रोहतक
शिक्षा- एम.एस.सी, एम.एड
कार्यक्षेत्र- साइंस अध्यापिका
विधा- कविता, लघुकथा
प्रकाशन – हरिगंधा, साहित्य अमृत, पंजाब सौरभ, प्रयास पत्रिका (कनाडा), भारत दर्शन (न्यूजीलैंड),
समाचार पत्र रोहतक भास्कर , हरिभूमि, जागरण
सम्मान- साहित्य- सोम सम्मान-पत्र (शैली साहित्यिक मंच), रोहतक
काव्य रंगोली मातृत्व ममता सम्मान- 2018
लेखन का उद्देश्य- हिंदी का प्रचार प्रसार, अपनी सोच लोगों तक पहुंचाना, बच्चों के लिए मनोरंजक साहित्य उपलब्ध करवाना