✍🏻 डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ हर साल की तरह कैलेण्डर ने साल बदलने की दस्तक दे दी, चाहे अंग्रेज़ी तारीख़ बदले चाहे संवत्सर पर आँकलन कुछ यह भी करना अनिवार्य होता है कि हम कहाँ कमज़ोर रह गए, कहाँ हमने ठीक काम किया क्योंकि हिसाब किसी अन्य को न सही […]

जब भी लिखें, सार्थक लिखें- श्री वाजपेयी दीप्ति शर्मा “दीप” भाषा सारथी सम्मान से सम्मानित इंदौर। लेखिका डाॅक्टर पूजा मिश्रा “आशना’ के मुक्तक संग्रह ‘कहो रह सकोगे सदा साथ साजन’ पर चर्चा का आयोजन विचार प्रवाह साहित्य मंच के बैनर तले हुआ। अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार श्री हरेराम वाजपेयी […]

इन्दौर। मध्यप्रदेश साहित्य अकादमी के निदेशक के रूप में पूरे प्रदेश की साहित्य मेधा का उत्कृष्ट पल्लवन और कार्यों के पहचाने जाने वाले डॉ. विकास दवे केंद्र सरकार की साहित्य अकादमी के भी जनरल काउंसिल के सदस्य मनोनीत हो गए हैं। डॉ दवे की कार्यशैली से अधिकारी, साहित्यकार व आम […]

संवेदनशील रचनाओं का संग्रह है अंतर की पीर इंदौर। युवा लघुकथाकार अविनाश अग्निहोत्री की पहली कृति लघुकथा संग्रह अंतर की पीर का विमोचन डाॅ. एस. एन. तिवारी स्मृति समिति द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में हुआ। विमोचन के वक्त मंच पर वरिष्ठ साहित्यकार श्री शरद पगारे, श्री हरेराम वाजपेयी, उस्ताद अलाउद्दीन […]

इंदौर । वरिष्ठ शिक्षक और लेखक डाॅ. एस.एन. तिवारी की स्मृति में रचनाकारों का सम्मान समारोह रविवार शाम मध्य भारत हिन्दी साहित्य समिति, इन्दौर के शिवाजी सभागार में हुआ। साहित्य के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिये समारोह में सम्मानित किये गये वरिष्ठ साहित्यकार डाॅ. शरद पगारे व मिथिलेश दीक्षित […]

पढ़ने पर ज्यादा ध्यान दें रचनाकार- डॉ पगारे मनोज कुमार, नीलम तोलानी, गौरव साक्षी सहित 8 रचनाकार हुए सम्मानित इंदौर । वरिष्ठ शिक्षक और लेखक डाॅ. एस.एन. तिवारी की स्मृति में रचनाकारों का सम्मान समारोह रविवार शाम मध्य भारत हिन्दी साहित्य समिति, इन्दौर के शिवाजी सभागार में हुआ। साहित्य के […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।