चले आओ सभी मिलकर, बनाएं नाव कागज की । हुई बरसात है कितनी गली में भर गया पानी । सुनो राजू, सुनो मन्नू, सुनो तो राधिका,रानी ।। इसी पानी में तैराएं, हमारी नाव कागज की । रखी है मेज पर कॉपी, चलो पन्ने निकालें हम । मगर […]
मैं क्या जानूं बच्चा नादान, क्या होता है हिन्दू-मुसलमान। मजहबों का नहीं मुझे ज्ञान, मैं धरती पर जन्मा हूँ इंसान॥ बनूँ चाहे रहीम या बनूँ कृष्ण, मत उठाओ मुझ पर कोई प्रश्न। माँ दे रही इंसानियत का ज्ञान, एकता से देश बनता महान॥ […]
कि अब नहीं उड़ती धूल मेरी गली में, नहीं गूंजता बच्चों का शोर मेरी गली में। न कोई कुल्फी वाला,और न चाट वाला, अब कोई नहीं आता जादू दिखाने वाला। अब नहीं खेलते बच्चे रेस टीप गिल्ली, डंडा भौंरा बॉटी, अब नहीं दिखते बच्चे लोटते धूल में और लपेटे माटी। […]
आते-जाते तो नित्य रहे, सबने जाना स्कूल गए। हाजरी बनी पर मन न बना, बच्चों को सिखाना भूल गए। अपनी गरिमा न जान सके, खुद कैसे राष्ट्र निर्माता हैं। आजीवन हो जो आभारी, उनके ही भाग्य विधाता हैं। औरों की निष्ठा देख रहे, खुद भी उनके अनुकूल गए। हाजरी बनी […]
डगमग-डगमग करती चली, बरसात में कागज की नाव। बचपन की याद दिलाती ये, बहती हुई कागज की नाव॥ कौन जीतेगा , कौन हारेगा, लगाते नावों पर ऐसे दांव। बहती रहती बिना पतवार, खेल-खेल में दूर करते तनाव॥ मुश्किलों में भी डटे रहना, सिखाती है हमें बहती नाव। जिंदगी का यही […]
टन टन टन बज गई घंटी, गुरुजी की उठ गई शंटी। गर्मी की छुट्टी फुर्र हो गई, गुरुजी की गुर्र शुरू हो गई। गोलू भोलू खेलना बन्द, पढ़ना इनको नहीं पसंद। मम्मी ऊपर से चिल्लाए, पापा गुस्से में आंख दिखाए। सारी मस्ती भई छूमंतर, पढ़ाई का डंडा है सिर पर। […]
आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है।
आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं।
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया।
इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं।
हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।