लगाकर आग वो, अक्सर भाग जाते है। कहकर अपनी बात, अक्सर भाग जाते है। बिना जबाव के भी, क्या वो समझ जाते है। तभी तो बार बार आकर, मुझसे वो कुछ कहते है।। लगता है उन्हें प्यार हो गया। दिल की धड़कनों में, शायद में बस गया। तभी तो हंस […]
जब रोटी को आटा नहीं तो, कहाँ से लाएं डाटा? लाचारी के मौसम में क्यों, ये पड़ा है हम पर चांटा। क्यों कंगाली में हुआ हुआ है, देखो फिर से आटा। बाबू जी हमको बतलाओ, हम पेट भरें या डाटा? मोबाइल को बेच ला रहे, देखो घर में आटा। झेल […]
मनचाही जब हो नही प्रभु पर छोड़ दो काम वे ही काम संवारते है सबके वे ही दाताराम हमारा धर्म कर्म करना फल परमात्मा के हाथ नियत हमारी सही रहे सफलता का मिले साथ स्वयं निमित्त बनकर रहे माने परमात्मा का काम मन की मुराद पूरी हो करे परमात्म धन्यवाद […]
यूँ तो हर घर में कचरा ही कचरा है लेकिन मेरा वाला कचरा अच्छा है। वो जो मुझको काना कहता है हरदम बचपन से ही जो आंखों का अंधा है। माँ तो खुश हो जाएगी बस छूकर ही महबूबा को खुश करने का पंगा है। टेंशन मत लो कब बोला […]
एक बात बताती हूँ, सुन मेरी लाडली। सुन मेरी लाडली, तू तो बड़ी भोली है।। आजा मेरी बिटिया, तुझे लोरी सुनाऊँ मैं, गोदी में अपने प्यार से, तुझको सुलाऊँ मैं।। आजा मेरी गुड़िया तुझे, किस्सा सुनाऊँ मैं। जीवन से सारे अनुभव, तुझको बताऊँ मैं।। माँ ने तेरी देखे हैं रंग, […]
जीवन सदैव संघर्ष है यह स्वीकार लो जरूर सदा आराम मेँ रहना होती है भारी एक भूल संघर्ष का कठिन रास्ता जीवन को कुंदन बनाता है वही विकास के रास्ते पर हमको लेकर जाता है जिंदगी में इसी संघर्ष से खुशहाली का रंग आता है अच्छा ही अच्छा होता है […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।