जिंदगी केवल वही सफल है जिसमे पुरुषार्थ का फल है भाग्य नही, पुरुषार्थ बड़ा है तभी भाग्य से आगे खड़ा है पुरुषार्थ कहलाती ईश्वरीय सेवा इसी से मिलती जीवन मे मेवा इसी से सब अपने बन जाते सहज सबके प्रिय बन जाते जीवन मे भी खुशिया आती परमात्म की कृपा […]
काव्यभाषा
काव्यभाषा