क्यों तुम वेबजाह आ कर दिलकी वीणा बजा देती हो। और फिर कही खो जाती हो क्या मिलता है ये करके। न सुकून से खुद रहते हो और न हमें रहने देते हो। मुद्दत हो गई तुम्हें भूले फिर क्यों बार बार आते हो।। जिंदगी को साथ चाहिए था तब […]

धर्म सभी का ऐसा हो बढ़े चरित्र का मान सबके चरित्र से बनती है अपने देश की शान संस्कार ,संस्कृति,मानवता है भारत की पहचान इन गुणों को अपनाने से बनता भारत महान् अहिंसा के हम है प्रहरी शांति के पोषक कहलाते परमात्म मार्ग पर चलते हम दुनियां के प्रेरक बन […]

स्वदेशी के नाम पर आजकल बहुत हो-हल्ला हो रहा है । जिसे देखो, वही स्वदेशी की बात कर रहा है । नेताजी के भाषणों में स्वदेशी शहद की तरह टपकता है । बाबा रामदेव जी महाराज ने तो स्वदेशी के नाम पर ही अपना सारा कारोबार खड़ा किया है । […]

भारत माता की जय बोलते बोलते माॅं को ही सरे बाजार में बेचने चले हैं संभाल कर रखना अपनी बहन- बेटियों की आबरू को अपने हिस्सों की जमीनों के टुकड़ों को वतन परस्ती का ढोल पीटने वाले निरंकुश होकर अब सड़कों पर आतातायी बनकर मातृभूमि का चोला उतारने चले हैं […]

मेरी आँखों में क्यों तुम आँसू बनकर आ जाते हो। और अपनी याद मुझे आँखों से करवाते हो। मेरे गमो को आँसुओं के द्वारा निकलवा देते हो। और खुशी की लहर का अहसास करवा देते हो।। मुझे गमो में रहने और उनमें जीने की आदत है। पर हँसते हुए लोगों […]

भक्ति शिरोमणि मातु है,शबरी सुंदर नाम। रामनाम सुमिरन किया,पाया बैकुंठ धाम।। सीधी साधी भोली भाली। दंडक वन में रहने वाली।।1 सबर भील की राजकुमारी। करुणा क्षमा शीलाचारी।।2 बेटी श्रमणा सबकी प्यारी। सुंदर रूपा बढ़ व्यवहारी।।3 बीता बचपन भइ तरुणाई। समय देख कर भई सगाई।।4 फिर पिता ने ब्याह रचाये। जाति […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।