नज़ाकत समय की समझा करो नहीं हर एक से उलझा करो अपरिचित से न हाले दिल कहो मात्र दो बात कर चलता करो।।१ वैसे तो आवारा बनकर घूम रहे अंबर धरती उछल उछल कर झूम रहे जब मित्रों का प्यारा प्यारा साथ मिला अपनी उनकी गाथा सुनकर झूम रहे।।२ एक […]

मुसीबत का पहाड़, कितना भी बड़ा हो। पर मन का यकीन, उसे भेद देता है। मुसीबतों के पहाड़ों को, ढह देता है। और अपने कर्म पर, जो भरोसा रखता है।। सांसारिक उलझनों में, उलझा रहने वाला इंसान। यदि कर्म प्रधान है तो, हर जंग जीत जायेगा। और हर परस्थितियों से […]

ज़िंदगी के कितने बेहतरीन है रंग, दबीज़ जुनून -ए -सफर का है रंग। चढ़ रहा मुझे पे आफताब का रंग, इनायते – एजाज़ सनम का रंग। कुछ खुदी का कुछ बे-खुदी का रंग, दिल पे दर्द – ए -तन्हाई का रंग। प्यार गया तो कैसे मिलते दो रंग, रंग हो […]

अकेले ही वो मीलों चला होगा हालात में इस कदर ढला होगा उसके पसीने से खुशबू आती है बेशक वो गरीबी में पला होगा खुद को उसने फ़ौलाद बना डाला सच कहूँ अंगारों पर चला होगा राहत की साँस भी ले लिया होगा शाम जब कभी सूरज ढला होगा मचेगा […]

हम हैं नन्हे मुन्ने बच्चे, हमको आँख दिखाओ ना। अभी उम्र है पढ़ने की, हमसे काम कराओ ना। कभी होटलों में हमसे तुम, बर्तन साफ कराते हो। कभी घरों में झाड़ू पोंछा, और कपड़े धुलवाते हो। शर्म करो कुछ तो बाबू जी, ये बचपन हमसे छीनो ना। हम हैं नन्हे……… […]

आओं मुनमुन आओं गुनगुन मिलकर खाएं प्यारे जामुन ।। आता जब जून लाता संग जामुन । सबके मन भाते खट्टे – मीठे जामुन ।। इसके कई गुण ध्यान से सुन । कैंसर,शुगर में रामबाण जामुन ।। पथरी,लीवर,खून की गंदगी करें दूर । औषधीय गुणों से भरपूर हैं जामुन ।। गुठली […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।