जीभ उसकी कटी और गूंगा सारा जहां हो गया जिस्म उसका तार तार हुआ निर्वस्त्र सारा जहां हो गया रीड की हड्डी उसकी टूटी और अपाहिज सारा जहां हो गया इस मन की महाभारत का संजय कोई नहीं था यहां और धृतराष्ट्र सारा जहां हो गया रात के अंधेरे में […]

ये आज़ादी के उन सपनों का आगाज़ नहीं है, हुए अठहत्तर साल कि हम आज़ाद नहीं हैं। भूल गए कि हमने कितने नर खोए हैं, भूल गए कि हमने कितने सर बोए हैं! भूल गए आधीन हुए थे हम दोज़ख के, भूल गए कि शर्मसार ही सब के सब थे। […]

एक वीरान से पथ के जैसे हैं हम, एक टूटी हुई नथ के जैसे हैं हम, प्रेम के घाट तक लेकर आता था जो, उस रथी से रहित रथ के जैसे हैं हम। एक उजड़े हुए बाग़ जैसे हैं हम, चाँद पर उस लगे दाग़ जैसे हैं हम, हाशिए पर […]

जो ढोलक बजती-बजती काँपती है। किसी बेजां की चमड़ी काँपती है।। किसी अपने से बिछड़े थे यहीं पर, इसी रस्ते पे गाड़ी काँपती है।। वो जिस दिन भूल कर आती है स्वेटर, ज़मीं सारी की सारी काँपती है। बिछड़ने का हुआ था ज़िक्र जिसमें, अभी तक भी वो चिट्ठी काँपती […]

1. एक दिन ऐसा ही हुआ एक दिन ऐसा ही हुआ, मैं हुआ, दर्पण हुआ, फ़ासला हुआ। कहने को तो वहीं मैं, वहीं दर्पण लेकिन, उसी एक दर्पण में फ़ासला हुआ। मैं वही, मगर वही, वैसा ही नहीं जैसाकि था कल, वैसा नहीं हुआ, एक दिन ऐसा ही हुआ। 2.अंतिम […]

कुछ मोती चुराए थे कभी समंदर से अथाह लहरों के बीच बड़ा मुश्किल था उन सीपों को बटोर पाना कुछ हाथ आए, कुछ बह गए उतने मोती भी न बटोर सकी कि माला पिरो लेती पर हाँ, हाथ का कंगन ज़रूर बना लिया और कानों के झुमके पर कसक अभी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।