नए ड्रेस में इठलाती, वो सुन्दर नन्हीं-सी लड़कीl चौराहे पर झूमती गाती, भाग-भागकर चलती लड़कीl छोटा फ्रॉक पहनती, लड़कों के संग खेलती लड़कीl भाई-बहनों से झगड़ती, लड़ाकी चतुर सयानी लड़कीl चंचल नटनी-सी लगती, मटक-मटककर चलती लड़कीl पेड़ों से आम चुराती, बेपरवाह-सी घूमती लड़कीl दो चोटी में स्कूल जाती, नदी पहाड़ […]

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दुविधाओं से घिरा हुआ.. आंखों को मलता हुआ धीरे-धीरे जागता हुआ, खुद को भारतीय करार करता हूँ… अपने जीवन में एक मुद्दे पर दो राय रखता हूँ..l जब मैं आदमी हूँ तो अपने घर की, नारी को अबला एवं कल्पनाओं में सबला करार करता हूँ… पिता हूँ तो अपने पुत्र […]

क्यों अभी से खुद को यूँ संजीदा किया जाए, क्यूँ न फिर से अपने बचपन को जिया जाए.. चलो आज फिर एक गुड़िया का घर बनाएं, और सजाएँ उसे फिर नन्हें सपनों के साथ.. फिर से कराएं वो गुड़िया की शादी,  वो नकली घोड़े,वो नकली हाथी..  वो नकली दूल्हा,वो नकली […]

ऐ परिन्दे! उड़, अभी तेरी उड़ान बाकी है; नजर ऊपर तो उठा,अभी पूरा आसमान बाकी है। निर्मल-नील-गगन में गुनगुनाता चल; नित्य-नए सफलता के गीत गाता चल। जाना है जहां तुझे,अभी वो मुकाम बाकी है; नजर ऊपर तो उठा,अभी पूरा आसमान बाकी है। ओस की चादर को चीर के आगे निकल; […]

मैं पतंगा हूँ, शमा पर जान लुटाया करता हूँ। रूप रस का लोभी भंवरा नहीं, तितली हूँ.. पराग कण फैलाया करता हूँ। मैं दरिया हूँ, प्यास बुझाया करता हूँ। खारा समन्दर नहीं, झरना हूँ.. संगीत भी सुनाया करता हूँ। मैं दीपक हूँ, अन्धकार मिटाया करता हूँ। भूख,गरीबी,आतंक का समर्थक नहीं, […]

(भगवान बुद्ध के अवतरण दिवस पर सादर समर्पित ) सत्य अहिंसा परमोधर्म:, …की बढ़ अलख जगाई। सदकर्मों से मुक्ति मार्ग की, …राह परख दिखलाई। राज मोह को त्याग विश्व को, …दया धर्म सिखलाकर। बुद्ध प्रभू ने ..सदाचार की… धूनी निरख जमाई।।                   […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।